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'मैं डेढ़ लाख रुपया देकर यहां आया हूं', ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में शामिल हुए कश्मीर सांसद इंजीनियर राशिद, जानें क्या कुछ कहा?

इंजीनियर राशिद ने कहा कि तिहाड़ जेल से आया हूं. पहलगाम में जो भी हुआ, वह इंसानियत का कत्ल है. हम कश्मीरियों से ज्यादा इसका दर्द कौन समझ सकता है. हमने 1989 से जितनी तबाही देखी है, लाशें उठाते-उठाते थक गए हैं.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Engineer Rashid
Courtesy: Social Media

 लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा आज भी जारी है. कश्मीर के सांसद और अवामी इत्तेहाद पार्टी के प्रमुख इंजीनियर राशिद ने मंगलवार को 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की और सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्ष से कश्मीर के लोगों के लिए बात करने का आग्रह किया.

मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में अपने भाषण की शुरुआत कविता के अंदाज में करने वाले रशीद ने पहलगाम हमले को ‘‘पूरी मानवता की हत्या’’ करार दिया. इंजीनियर राशिद ने कहा कि तिहाड़ जेल से आया हूं. पहलगाम में जो भी हुआ, वह इंसानियत का कत्ल है. हम कश्मीरियों से ज्यादा इसका दर्द कौन समझ सकता है. हमने 1989 से जितनी तबाही देखी है, लाशें उठाते-उठाते थक गए हैं. 

इंजीनियर राशिद ने कहा कि आप आतंक कैसे खत्म करोगे, कैसे लड़ोंगे आतंक से, इसके लिए कश्मीरियों के दिल जितने होंगे. आपको केवल कश्मीर की जमीन चाहिए, कश्मीर के लोग चाहिए.देश आपको मिला 1947 में और आप देश को एकजुट नहीं रख सके. हमें क्यों मार रहे हो, मेरे पिता का जन्म आजादी के 15 साल बाद हुआ. कश्मीर मसले का हल आप लोग के पास नहीं है बल्कि कश्मीर की हर कम्युनिटी के पास है. मैं डेढ़ लाख रुपया देकर यहां आया हूं, आप मेरे लिए नहीं बोल पाए तो जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए क्या बोलोगे. 

उन्होंने कहा कि जिन्ना से बड़ा अलगाववादी नेता कोई नहीं हुई, लेकिन वह भी तीन-तीन बार विधायक रहा. आपको हिंदू राष्ट्र बनाने की जल्दी है शौक से बनाओ. हमारे कश्मीर की डेमोग्राफी को मत छेड़ों. बाहर की दुनिया में क्या हो रहा मुझे नहीं पता, जेल में अखबार पढ़कर पता था कि जब यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में जब तालिबान की आलोचना करने की बात आई, तब यही हमारी सरकार जो यूपी में कहते थे कि तालिबानी शासन न लाया जाए.