menu-icon
India Daily

'तारिणी' पर सवार होकर नौसेना की दो महिला अधिकारियों ने की विश्वभर की समुद्र यात्रा, 29 मई को होगी विजयी वापसी

भारतीय नौसेना 'नाविका सागर परिक्रमा II' के साहसी दल का स्वागत करने के लिए तैयार है, जिसने नौसेना नौकायन पोत तारिणी पर सवार होकर विश्व की परिक्रमा पूरी की. यह अभूतपूर्व उपलब्धि लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के नेतृत्व में हासिल की गई.

auth-image
Edited By: Garima Singh
indian navy
Courtesy: x

Navika Sagar Parikrama II: भारतीय नौसेना 'नाविका सागर परिक्रमा II' के साहसी दल का स्वागत करने के लिए तैयार है, जिसने नौसेना नौकायन पोत तारिणी पर सवार होकर विश्व की परिक्रमा पूरी की. यह अभूतपूर्व उपलब्धि लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के नेतृत्व में हासिल की गई. जो 29 मई 2025 को गोवा के तट पर विजयी वापसी करेंगी. यह ऐतिहासिक अभियान 2 अक्टूबर 2024 को गोवा के नौसेना महासागर 'नौकायन नोड' से शुरू हुआ था. 

नाविका सागर परिक्रमा II' भारत की समुद्री क्षमता और नारी शक्ति का प्रतीक है. इस यात्रा में दोनों नौसेना अधिकारियों ने चार महाद्वीपों, तीन महासागरों और तीन महान केपों को पार करते हुए 25,400 समुद्री मील (लगभग 50,000 किमी) की दूरी तय की. फ्रेमेंटल (ऑस्ट्रेलिया), लिटलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टेनली (फ़ॉकलैंड द्वीप) और केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका) जैसे बंदरगाहों पर रुकते हुए, दल ने कूटनीतिक और सामुदायिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. “पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई संसद में विशेष आमंत्रित के रूप में सम्मानित किया जाना इस यात्रा का एक दुर्लभ और गर्व का क्षण था. 

चुनौतियों पर विजय

आठ महीने की इस यात्रा में दल ने 50 नॉट्स (93 किमी/घंटा) की तेज हवाओं, तूफानी मौसम और ठंडे तापमान का सामना किया. विशेष रूप से लिटलटन से पोर्ट स्टेनली तक का तीसरा चरण सबसे चुनौतीपूर्ण रहा, जिसमें दल ने तीन चक्रवातों और जोखिम भरे ड्रेक पैसेज को पार किया.  “केप हॉर्न को पार करना दृढ़ता और साहस की सबसे बड़ी परीक्षा थी,”

रक्षा मंत्री और नौसेना प्रमुख का समर्थन

लेफ्टिनेंट ने बताया, 'यात्रा के दौरान, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर दल से बातचीत की थी. उन्होंने कहा था कि आपकी उपलब्धि राष्ट्रीय गौरव और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है. यह रक्षा क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका को मजबूत करता है,”  नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने भी दल के कौशल, व्यावसायिकता और टीम वर्क की सराहना की. 

समापन समारोह और भारत का गौरव

29 मई 2025 को गोवा के मोरमुगाओ बंदरगाह पर माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में ध्वजारोहण समारोह आयोजित होगा, जो इस यात्रा के औपचारिक समापन का प्रतीक होगा। यह अभियान “साहसी दिल असीम समुद्र” के आदर्श वाक्य को साकार करता है और भारत की समुद्री विरासत को वैश्विक मंच पर स्थापित करता है।

वैश्विक प्रशंसा और प्रेरणा

नाविका सागर परिक्रमा II ने न केवल समुद्री उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया, बल्कि महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रीय गौरव को भी उजागर किया। स्थानीय समुदायों, अंतरराष्ट्रीय नौकायन निकायों और विदेशी संसदों ने इस उपलब्धि की प्रशंसा की। यह यात्रा भारत के समुद्री इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय है, जो नवाचार, साहस और प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गई है।