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Manipur Violence: कुकी संगठन ने 24 घंटे में जिला छोड़ने का दिया अल्टीमेटम, डिप्टी कमिश्नर भी मैदान छोड़ने को तैयार नहीं

Manipur Violence :मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में गुस्साए सैकड़ों लोगों की भीड़ ने पुलिस सुपरिटेंडेंट और डिप्टी कमिश्नर के कार्यालयों पर हमला कर दिया था. सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में दो लोगों की मौत हो गई. अब कुकी संगठन ने दो मौतों के विरोध में बंद का आह्वान किया और उपरोक्त दोनों अधिकारियों को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है.

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मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में कुकी समुदाय के एक हेड कांस्टेबल को हथियारबंद लोगों के साथ वीडियो में दिखाए जाने के बाद गुरुवार रात को हिंसा भड़क गई. गुस्साए सैकड़ों लोगों की भीड़ ने एसपी कार्यालय पर हमला कर दिया क्योंकि उस कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया था. इस हमले के बाद बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की और इस हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए.

शुक्रवार को बंद का आह्वान

इस घटना के बाद एक प्रभावशाली कुकी संगठन, "द इंडीजीनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF)" ने दो मौतों के विरोध में शुक्रवार को बंद का आह्वान किया है. संगठन ने एक जन सूचना जारी कर कहा कि वह इस घटना के लिए पुलिस सुपरिटेंडेंट  शिवानंद सूरवे और डिप्टी कमिश्नर एस धरुन कुमार को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराता है.

ITLF की चेतावनी

ITLF ने चेतावनी दी है कि अगर हेड कांस्टेबल का सस्पेंशन 24 घंटे के भीतर वापस नहीं लिया गया और दोनों अधिकारी जिला नहीं छोड़ते हैं, तो सभी सरकारी दफ्तर बंद कर दिए जाएंगे और "किसी भी अप्रिय घटना के लिए दोनों अधिकारी जिम्मेदार होंगे."

संगठन ने यह भी मांग की है कि मणिपुर कैडर के इन अधिकारियों को केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों से रिप्लेस किया जाए. ये अधिकारी कुकी समुदाय से हों तो और भी बेहतर होगा.

डिप्टी कमिश्नर भी मैदान छोड़ने के मूड में नहीं

इसी बीच डिप्टी कमिश्नर एस धरुन कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि "हम परिस्थिति के आधार पर फैसला लेंगे. हम जिले के लोगों को छोड़कर नहीं जा सकते. हमें आम जनता की रक्षा करनी है, यही कारण है कि हम यहां हैं. हम अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी हैं जो दूरदराज के स्थानों से लोगों की मदद करने और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करने आए हैं. हमें सरकार द्वारा जहां भी उचित समझा जाए, वहां सेवा करने में कोई दिक्कत नहीं है."

गौरतलब है कि गुरुवार रात को भीड़ ने सरकारी संपत्ति को भी आग लगा दी थी. सुरक्षा अधिकारियों के सरकारी दफ्तरों के कुछ हिस्सों और कई वाहनों को नुकसान पहुंचा है. भीड़ को खदेड़ने के दौरान सुरक्षाबलों की कार्रवाई में दर्जनों लोग घायल हो गए.