Aditya-L1 Mission: आदित्य-एल1 ने एक बार फिर यानी पांचवीं बार कक्षा बदलने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. इसरो की ओर से एक्स पर पोस्ट कर यह जानकारी साझा की गई है. इसरो ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि आदित्य-एल1 अब सूर्य और पृथ्वी के बीच एल1 प्वाइंट की ओर प्रस्थान कर गया है. ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (टीएल1आई) पैंतरेबाज़ी सफलतापूर्वक की गई है.
अंतरिक्ष यान अब एक प्रक्षेप पथ पर है जो इसे सूर्य-पृथ्वी L1 बिंदु पर ले जाएगा. इसे लगभग 110 दिनों के बाद एक प्रक्रिया के माध्यम से L1 के आसपास की कक्षा में स्थापित किया जाएगा. यह लगातार पांचवीं बार है जब इसरो ने किसी वस्तु को अंतरिक्ष में किसी अन्य खगोलीय पिंड या स्थान की ओर सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया है.
Aditya-L1 Mission:
— ISRO (@isro) September 18, 2023
Off to Sun-Earth L1 point!
The Trans-Lagrangean Point 1 Insertion (TL1I) maneuvre is performed successfully.
The spacecraft is now on a trajectory that will take it to the Sun-Earth L1 point. It will be injected into an orbit around L1 through a maneuver… pic.twitter.com/H7GoY0R44I
आपको बता दें, इससे पहले आदित्य-एल1 ने 15 सितंबर को चौथी बार, 10 सितंबर तीसरी बार, 5 सितंबर को दूसरी बार और 3 सितंबर को पहली बार सफलतापूर्वक कक्षा बदली थी. जानकारी के अनुसार आदित्य-एल1 16 दिन पृथ्वी की कक्षा में बिताएगा. इस दौरान आदित्य-एल1 की कक्षा बदलने के लिए पांच बार अर्थ बाउंड फायर किया जाएगा.
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भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को पीएसएलवी सी57 लॉन्च व्हीकल से इसरो ने दो सितंबर को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था. आदित्य-एल1 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. आपको बताते चलें, इसरो का यह मिशन पृथ्बी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी को पूरा करेगा.
आदित्य-एल1 के जरिए सूर्य का अध्ययन करने के लिए सात पेलोड को ले जाया गया है. इनमें से चार पेलोड सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और अन्य तीन पेलोड प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे. आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन पॉइंट 1 के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जो सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी दूर है. एक अनुमान के अनुसार इस दूरी को तय करने में चार महीने का समय लगेगा.
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