हेमंत सोरेन को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से किया इंकार, कहा- पहले हाईकोर्ट जाइए
Jharkhand News: सुप्रीम कोर्ट ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन के खिलाफ सोरेन की याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया है और उन्हें झारखंड हाई कोर्ट जाने की सलाह दी है.

Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं. आए दिन उन पर और उनके सहयोगियों पर केंद्रीय जांच एजेंसियों की रेड पर रही है.
अब सुप्रीम कोर्ट ने भी सोरेन को झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन के खिलाफ सोरेन की याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया है और उन्हें झारखंड हाई कोर्ट जाने की सलाह दी है.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सीएम सोरेन ने अपनी याचिका वापस ले ली.
ईडी ने 23 सितंबर को पूछताछ के लिए किया तलब
बता दें कि ईडी ने सीएम सोरेने को 23 सितंबर को पूछताछ के लिए तलब किया है.
जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा भेजे गए दूसरे समन के बाद सीएम सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की बेंच ने कहा कि वो इस याचिका पर विचार नहीं करेंगे, आप पहले हाई कोर्ट जाइए.
बता दें कि ईडी से दूसरा समन मिलने के बाद झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. सोरेन की याचिका पर पहली सुनवाई 15 सितंबर को हुई थी. आज इस मामले पर दूसरी सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले पर सुनवाई नहीं करेंगे आपको पहले हाई कोर्ट जाना होगा.
अब तक ईडी ने सोरेन को जारी किए 4 समन
बता दें कि मुख्यमंत्री सोरेन और उनके करीबियों पर आदिवासियों की जबरन जमीन कब्जाने का आरोप है. ईडी को धोखाधड़ी से जमीन खरीदने और उसकी बिक्री की जांच के दौरान कई शिकायतें मिली थीं.
जब ईडी ने इन शिकायतों की जांच की तो प्रारंभिक जांच में सीएम सोरेन का भी नाम सामने आया. इसके बाद ईडी ने सोरेन को पूछताछ के लिए 8 अगस्त को पहला समन जारी किया.
इसके बाद 19 अगस्त को दूसरा, 1 सितंबर को तीसरा और 17 सितंबर को चौथा शमन जारी किया था. सोरेन किसी समन के जवाब में ईडी के दफ्तर नहीं पहुंचे थे.
यह भी पढ़ें: मोदी ने देश की महिलाओं को दी ताकत, कैबिनेट से पास हुआ महिला आरक्षण बिल