Aditya-L1 Mission: इसरो ने आदित्य-एल1 की कक्षा बदलने की चौथी प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया है. इसरो ने शुक्रवार को इस प्रक्रिया को पूरा किया है. इसरो ने एक्स पर पोस्ट कर यह जानकारी साझा की है. इसरो ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान मॉरीशस, बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर स्थित इसरो के ग्राउंड स्टेशनों से मिशन की प्रक्रिया को ट्रैक किया गया. आपको बताते चलें, 19 सितंबर को रात 2 बजे इसे लैग्रेंज पॉइंट L1 की कक्षा में स्थापित करने के लिए ऑर्बिट बढ़ाई जाएगी.
आपको बता दें, इससे पहले आदित्य एल1 ने 10 सितंबर को तीसरा युद्धाभ्यास पूरा कर किया था. उससे पहले 5 सितंबर को आदित्य एल1 ने 282 किमी x 40225 किमी की कक्षा हासिल करके पृथ्वी से जुड़े दूसरे युद्धाभ्यास को पूरा कर लिया था.
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भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को इसरो ने दो सितंबर को लॉन्च किया था. पीएसएलवी सी57 लॉन्च व्हीकल से इस सूर्य मिशन को लान्च किया गया था. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्चिंग की गई थी. चंद्रयान-3 की तरह इसरो का यह मिशन भी पृथ्वी की परिक्रमा करने के बाद सूर्य की दिशा की ओर उड़ान भरेगा. गौरतलब है कि इसरो का यह मिशन पृथ्बी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी को पूरा करेगी.
आदित्य-एल1 के जरिए सूर्य का अध्ययन करने के लिए सात पेलोड को ले जाया गया है. इनमें से चार पेलोड सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और अन्य तीन पेलोड प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे. आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन पॉइंट 1 के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जो सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी दूर है. एक अनुमान के अनुसार इस दूरी को तय करने में चार महीने का समय लगेगा.
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