DRDO Missile 2025: भारत की सामरिक शक्ति को नई ऊंचाई देने की दिशा में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी DRDO ने एक बड़ी सफलता हासिल की है. DRDO ने अपनी नई हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. यह मिसाइल ‘प्रोजेक्ट विष्णु’ के तहत पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित की गई है और इसकी रेंज और गति इसे भारत की अब तक की सबसे घातक मिसाइल बनाती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ET-LDHCM मिसाइल की सबसे बड़ी ताकत इसकी 1500 किलोमीटर की रेंज और मैक 8 लगभग 11,000 किमी/घंटा की गति है, जो इसे ब्रह्मोस मिसाइल से कहीं आगे ले जाती है. ब्रह्मोस की गति जहां मैक 3 के आसपास है, वहीं ET-LDHCM दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने की असीम क्षमता रखती है. इसका मतलब है कि यह मिसाइल पूरे पाकिस्तान और चीन के भीतर गहराई तक हमला कर सकती है.
मिसाइल की तकनीकी क्षमताएं भी बेहद उन्नत हैं. इसमें स्क्रैमजेट इंजन लगा है, जिसकी वजह से वायुमंडल से ऑक्सीजन लेकर ईंधन जलाता है, जिससे मिसाइल को लंबे समय तक हाइपरसोनिक गति बनाए रखने में मदद मिलती है. यह कम ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है और मिड-फ्लाइट में दिशा बदल सकती है, जिससे यह दुश्मन के रडार और इंटरसेप्टर सिस्टम से बच निकलती है.
यह मिसाइल पारंपरिक या परमाणु हथियार 1000 से 2000 किलोग्राम तक का ले जाने में सक्षम है. इसकी शरीर संरचना ऐसी है कि यह 2000 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को सहन कर सकती है, जो हाइपरसोनिक गति से उत्पन्न होने वाली गर्मी के लिए आवश्यक है.
यह मिसाइल जमीन, समुद्र और हवा तीनों प्लेटफॉर्म से लॉन्च की जा सकती है, जिससे इसे रणनीतिक लचीलापन मिलता है. यह क्षमता भारत को किसी भी परिस्थिति में तेज और सटीक जवाब देने में सक्षम बनाती है. इस मिसाइल को वैश्विक भू-राजनीतिक माहौल को देखते हुए काफी अहम माना जा रहा है. इजराइल-ईरान संघर्ष, पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और चीन की आक्रामकता के बीच यह मिसाइल भारत की सुरक्षा नीति में एक निर्णायक मोड़ लाने जा रही है.