Axiom-4 Space Mission: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज 25 जून 2025 को इतिहास रचने के लिए तैयार हैं. वह नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा, अमेरिका से 'एक्सिओम-4' मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए उड़ान भर चुके हैं. यह मिशन भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से शुरू हुआ है.
शुभांशु शुक्ला ने स्पेस के लिए उड़ान भरने से पहले सुना था ये गाना
इस ऐतिहासिक यात्रा से पहले शुभांशु ने ऋतिक रोशन की साल 2024 में आई फिल्म 'फाइटर' के गाने 'वंदे मातरम' को सुना, जिसने उन्हें प्रेरणा दी. यह गाना विशाल ददलानी और अन्य गायकों ने गाया है, जिसके मूल बोल बंकिम चंद्र चटर्जी और रीमिक्स बोल कुमार ने लिखे हैं.
शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे, जो 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय हैं. वह इस मिशन में पायलट की भूमिका निभाएंगे और उनके साथ अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री होंगे. मिशन का नेतृत्व नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन करेंगी. यह मिशन 14 दिनों तक चलेगा, जिसमें शुभांशु सात वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें अंतरिक्ष में फसलों की खेती और मानव स्वास्थ्य पर शोध शामिल हैं.
#Axiom4Mission ने अमेरिका के फ्लोरिडा में NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी। इस मिशन का संचालन भारत के IAF ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला कर रहे हैं। क्रू कंपनी के फाल्कन 9 रॉकेट पर एक नए स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पर सवार होकर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा… pic.twitter.com/qxs7EtSbcq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 25, 2025
शुभांशु ने लॉन्च पैड की ओर जाते समय 'वंदे मातरम' गाने को चुना, जो देशभक्ति और जोश से भरा है. उन्होंने कहा, "यह मिशन मेरे लिए सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं को अंतरिक्ष तक ले जाने का मौका है." उनकी इस भावना ने देशभर में उत्साह जगाया है. लखनऊ में जन्मे शुभांशु ने नेशनल डिफेंस एकेडमी से पढ़ाई की और 2006 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए.
'हमें अपने बेटे पर गर्व'
2,000 घंटे से अधिक उड़ान अनुभव के साथ, वह एक कुशल टेस्ट पायलट हैं. उनकी इस उपलब्धि पर परिवार और देशवासियों को गर्व है. उनकी मां आशा शुक्ला ने कहा, "हमें अपने बेटे पर गर्व है, वह देश का नाम रोशन करेगा." यह मिशन भारत के गगनयान कार्यक्रम के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो 2027 में पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान की तैयारी कर रहा है. शुभांशु की यह यात्रा भारत के अंतरिक्ष सपनों को नई उड़ान देगी.