भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचकर इतिहास रच दिया. नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए शुरू हुए Axiom-4 (Ax-4) मिशन ने 28 घंटे की यात्रा के बाद ISS के हार्मनी मॉड्यूल से सफलतापूर्वक जुड़ाव किया. यह भारत के लिए मानव अंतरिक्ष उड़ान में 41 साल बाद एक ऐतिहासिक वापसी है, जब 1984 में राकेश शर्मा ने पहली बार अंतरिक्ष की सैर की थी.
ऐतिहासिक मिशन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
शुक्ला, जो मिशन पायलट की भूमिका में हैं, के साथ अमेरिका की पैगी व्हिटसन (मिशन कमांडर), पोलैंड के सावोज उज्नान्स्की और हंगरी के टिबोर कपु (मिशन विशेषज्ञ) शामिल हैं. यह पहली बार है जब पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री ISS पर पहुंचे हैं. 418 किलोमीटर की ऊंचाई पर 17,000 किमी/घंटा की रफ्तार से यात्रा करते हुए, चालक दल ने चिकित्सा जांच और माइक्रोग्रैविटी में ढलने की प्रक्रिया पूरी की.
Axiom Mission 4 aboard the @SpaceX Dragon docked to the station at 6:31am ET today. Soon the Ax-4 astronauts will open the hatch and greet the Exp 73 crew live on @NASA+. More... https://t.co/XmWYPa4BhT pic.twitter.com/LjjMd7DfmW
— International Space Station (@Space_Station) June 26, 2025
शुक्ला का भावुक संदेश
डॉकिंग से पहले अंतरिक्ष से भेजे गए संदेश में शुक्ला ने कहा, “अंतरिक्ष से नमस्कार! यह अवर्णनीय और विनम्र अनुभव है. मैं उन सभी का धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इसे संभव बनाया. यह मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों की साझा जीत है.”
उन्होंने अपनी पहली अंतरिक्ष उड़ान के अनुभव को साझा करते हुए कहा, “मैं यहां काफी सो रहा हूं! शून्य गुरुत्वाकर्षण में खुद को नियंत्रित करना एक बच्चे की तरह चलना सीखने जैसा है. गलतियां करना ठीक है, और दूसरों की गलतियां देखना और भी मजेदार है! यह एक अवास्तविक और आनंदमय अनुभव है.”
मिशन का वैज्ञानिक योगदान
Ax-4 टीम ISS पर 14 दिन बिताएगी, जहां वे Expedition 73 के साथ मिलकर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग और शैक्षिक गतिविधियां करेंगे. इनमें कैंसर अनुसंधान, डीएनए मरम्मत और उन्नत विनिर्माण शामिल हैं, जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग और व्यावसायिक अंतरिक्ष अन्वेषण की बढ़ती भूमिका को दर्शाते हैं.
पीएण मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्ला और Ax-4 टीम को बधाई दी, इसे भारत की वैश्विक अंतरिक्ष उपलब्धियों का प्रतीक बताया. यह मिशन भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और वैज्ञानिक खोज में अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रमाण है.