तमिलनाडु में एक युवक की हत्या ने पूरे समाज को फिर से आईना दिखा दिया है. एक शिक्षित, मेहनती और सपनों से भरा युवा सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया क्योंकि उसकी दोस्ती एक अलग जाति की लड़की से थी. सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि इस हत्या का आरोप एक पुलिस अधिकारी के बेटे पर है, और उसके माता-पिता, दोनों खुद पुलिस में कार्यरत हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चेन्नई की एक प्रतिष्ठित आईटी कंपनी में काम करने वाले 27 वर्षीय अनुसूचित जाति के युवक की सिर्फ इसलिए बेरहमी से हत्या कर दी गई क्योंकि वह एक अत्यंत पिछड़ा वर्ग (MBC) समुदाय की लड़की का दोस्त था. इस जघन्य वारदात को अंजाम देने का आरोप दो सब-इंस्पेक्टरों के बेटे पर लगा है.
बीते रविवार, कविन अपनी दोस्त से मिलने के लिए तिरुनेलवेली गया था. उसने अपनी दादी की तबीयत को लेकर परामर्श लेना चाहा था. वहीं, लड़की का भाई सुरजीत उसे बाइक पर अपने साथ यह कहकर ले गया कि उसके माता-पिता उससे कुछ बात करना चाहते हैं. कविन ने भरोसा किया और उसके साथ चला गया. लेकिन यह भरोसा ही उसकी मौत की वजह बन गया. सुनसान जगह पर ले जाकर सुरजीत ने बाइक में छुपा हथियार निकाला और उस पर हमला कर दिया. कविन भागने की कोशिश करता रहा, लेकिन सुरजीत ने उसे पीछा कर पकड़ लिया और निर्दयता से उसको मौत के घाट उतार दिया.
घटना के बाद सुरजीत को गिरफ्तार कर लिया गया और सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया. उसके माता-पिता सरवनन और कृष्णकुमारी दोनों उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं. उन पर भी एफआईआर दर्ज की गई है और जांच जारी है. इस जघन्य अपराध ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वर्दीधारी लोग भी अपने बच्चों को कानून से ऊपर समझते हैं? और क्या आज भी जातिवादी मानसिकता इतने गहरे तक फैली हुई है कि वह एक मासूम दोस्ती को भी कत्ल में बदल दे?