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'मुझे 15 दिन में राज्यपाल बनाओ वरना...', शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल की BJP को चेतावनी

Shiv Sena Anandrao Adsul: शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल ने भाजपा पर अपने वादे पूरे न करने का आरोप लगाया, जिसमें उन्हें राज्यपाल का पद देने की पेशकश भी शामिल है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 15 दिनों के भीतर राज्यपाल की नियुक्ति नहीं की गई तो वे क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करेंगे. ये लोकसभा चुनाव से पहले किए गए वादों और एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की ओर से लिखित पत्र के बाद आया है, जिसे हाल ही में राज्यपाल नियुक्तियों में नजरअंदाज कर दिया गया. 

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Edited By: India Daily Live
Anandrao Adsul
Courtesy: social media

Shiv Sena Anandrao Adsul: शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल ने मंगलवार को भाजपा पर अपने वादे को पूरा न करने का आरोप लगाया. पूर्व सांसद ने कहा कि अगर उन्हें 15 दिनों में राज्यपाल नहीं बनाया गया तो वे भाजपा के पूर्व सांसद नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इस साल अप्रैल में राणा के जाति प्रमाण पत्र को वैध माना था. 2019 में, नवनीत राणा ने एनसीपी की ओर से समर्थित उम्मीदवार के रूप में अमरावती लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना के अडसुल को हराया था.

अडसुल ने अपने जाति प्रमाण पत्र की वैधता को चुनौती दी थी. सीएम एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद, अडसुल शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए थे. वहीं, नवनीत राणा ने इस साल के लोकसभा चुनाव में अमरावती से भाजपा-महायुती के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

पूर्व सांसद बोले- लिखित में राज्यपाल पद की जिम्मेदारी का वादा किया था

अडसुल ने कहा कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में लिखित रूप में राज्यपाल पद की जिम्मेदारी देने का वादा किया गया था. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों से पहले, भाजपा ने शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को दो केंद्रीय कैबिनेट पद और दो राज्यपाल के पद देने का वादा किया था, लेकिन वह अपना वादा निभाने में विफल रही. उन्होंने कहा कि राज्यपाल पद के लिए उनके नाम के साथ एक पत्र भी शिंदे और फडणवीस द्वारा हस्ताक्षरित किया गया था और केंद्र को भेजा गया था, लेकिन उनका नाम हाल ही में केंद्र द्वारा नामित 9 नए राज्यपालों की सूची में नहीं था.

अडसुल ने कहा कि शिवसेना को केवल एक केंद्रीय राज्य मंत्री (MoS) का पद मिला है. उन्होंने कहा कि अपने वादों को पूरा करना भाजपा की जिम्मेदारी है. मैं हमेशा इंतजार नहीं कर सकता. मैं सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा और पूर्व सांसद नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र मामले में दिए गए स्थगन को चुनौती दूंगा.

हाल ही में पुनर्गठित नीति आयोग में शिवसेना के सांसदों या उसके एकमात्र स्वतंत्र प्रभार वाले केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव को जगह नहीं मिली. इसके बाद जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 9 राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति की, जिसमें पूर्व राज्य विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा नेता हरिभाऊ बागड़े को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया, तो शिवसेना से किसी सीनियर पदाधिकारी को नहीं चुना गया. इस घटनाक्रम के बाद अडसुल ने पहले कहा था कि उन्हें अभी भी उम्मीद है और उन्हें उम्मीद है कि अगले दौर में जब और राज्यपाल नियुक्त किए जाएंगे, तो वे राज्यपाल बन जाएंगे.