पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम हार गई. सेमीफाइनल में जर्मनी ने टीम इंडिया को 3-2 से हरा दिया. 1980 के बाद गोल्ड जीतने का सपना एक बार फिर से टूट गया. अब भारत ब्रॉन्ज मेडल जीतने के लिए स्पेन से भिड़ेगा. कड़े मुकाबले में जर्मनी ने भारत के डिफेंस को कई बार तोड़ा. वहीं मिडफील्ड में भी भारतीय प्लेयर्स ने कई गलतियां की.
जर्मनी से गोनजालो पीलैट ने 18वें, क्रिस्टोफर रूहर ने 27वें और मार्को मिल्टकाऊ ने 54वें मिनट में गोल किया. भारत से हरमनप्रीत सिंह ने 7वें और सुखजीत सिंह ने 36वें मिनट में गोल किया था. 8 अगस्त को रात 10:30 बजे से गोल्ड मेडल मैच जर्मनी और नीदरलैंड के बीच होगा.
सेमीफाइनल मैच भारत ने कई गलती की. खासकर के अटैक अप टू मार्क नहीं रहा. मिडफील्ड में कई बार गलतियां हुईं. गेंल पाले में आने के बाद भी भारतीय खिलाड़ी ज्यादा देर तक गेंद को होल्ड नहीं कर पा रहे है. मिडफील्ड से गेंद जर्मनी की गोल पोस्ट की तरफ बढ़ाने में दिक्कत आ रही थी. डिफेंस में भी कई खामियां देखने को मिली. डिफेंडर काफी पीछे हटकर डिफेंड कर रहे थे.
टीम इंडिया ने बुलंद हौसलों के साथ उतारते हुए तेज शुरुआत की और तीसरे मिनट में ही एक पेनल्टी कॉर्नर हासिल कर लिया था. हालांकि, इसमें गोल नहीं हो सका. फिर सातवें-आठवें मिनट के बीच भारत को लगातार 3 पेनल्टी कॉर्नर मिले और तीसरे में कप्तान हरमनप्रीत ने तूफानी ड्रैग फ्लिक से गोल दागकर टीम इंडिया को बढ़त दिलाई. पहले क्वाटर में भारत 1-0 से आगे रहा. फिर दूसरे क्वार्टर में जर्मनी ने जोरदार आगाज किया और 18वें मिनट में गोंजालो पीलाट ने फील्ड गोल करते हुए टीम को बराबरी पर ले आए.
दूसरे क्वार्टर में जर्मनी के अटैक जारी रखा और पेनल्टी स्ट्रोक में एक और गोल दागकर भारत को दवाब में ला दिया. तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम में बढ़ियां खेल दिखाया और हरमनप्रीत सिंह के पेनल्टी कॉर्नर पर सुखजीत सिंह ने डिफ्लेक्शन से गोल दाग दिया. स्कोर 2-2 के बराबरी पर आ गया. आखिरी क्वार्टर में दोनों टीम अटैक पर थी. जर्मनी को कई पेनल्टी कॉर्नर भी मिले लेकिन गोलकीपर पीआर श्रीजेश समेत पूरी डिफेंस लाइन ने इसे नाकाम किया. जब मैच में 6 मिनट बचे तब जर्मनी बेहतरीन डिफ्लेक्शन से गोल भारतीय नेट्स में डाल दिया. भारतीय टीम ने बचे हुए मिनटों में बहुत कोशिश की 2 शॉट गोल के बेहद करीब से निकल गए और टीम इंडिया ये मैच हार गई.