महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की मुश्किलें अब लगातार बढ़ती जा रही है. इस मामले में पहले LBSNAA ने ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द कर दिया और अब यूपीएससी ने उसके खिलाफ FIR दर्ज करा दी है. इसके अलावा सिविल सेवा परीक्षा 2022 से उनकी उम्मीदवारी क्यों न रद्द की जाए और भविष्य की परीक्षाओं से उन्हें क्यों न रोका जाए का कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
दरअसल पूजा खेडकर पर जालसाजी और धोखाधड़ी करके UPSC एग्जाम क्लियर करने का आरोप लगा है. अब पुलिस ने पूजा के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है. क्योंकि पूजा खेडकर ने एक या दो बार नहीं, बल्कि तीन बार मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाया, जिसके आधार पर उन्हें परीक्षा में मिलने वाले कोटे का लाभ मिल सका. इसके अलावा उन पर जन्मतिथि और अलग-अलग नाम से फार्म भरने जैसा आरोप लगा है.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पूजा खेडकर ने कैसे देश की सबसे बड़ी परीक्षा में धांधली कर ली लेकिन इतने बड़े स्तर पर हो रहे झौल का किसी को तनिक भी भनक नहीं लगी. साल 2019 में पूजा खेडकर ने व्हिज्युअली इम्पेयर्ड यानी दृष्टिदोष का सर्टिफिकेट अहमदानह जिला अस्पताल से बनवाया था.
इसके बाद साल 2021 में उन्होंने मेंटल इलनेस होने की बात करते हुए जांच कराई और दृष्टि दोष के साथ-साथ मेडिकल सर्टिफिकेट में मेंटल इलनेस को मेंशन करा ली.
2022 में UPSC परीक्षा देने के लिए उन्हें मल्टीपल डिसेबिलिटी यानी एक से अधिक अंग में समस्या साबित करनी होती थी. इसके लिए उन्होंने पिंपरी चिंचवड के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल में ऑनलाइन फार्म भर दिया. यहां अस्पताल ने उनके घुटने में लिगामेंट टेअर दिखाया गया था. इससे उनकी ऑनलाइन आईडी जेनरेट हो गई.
पूजा खेडकर ने मल्टीपल डिसेबिलिटी दिखाने के लिए औंध के अस्पताल में गई लेकिन ऑनलाइन रिकॉर्ड दिखने की वजह से उन्हें सर्टिफिकेट नहीं दिया गया. हालांकि यशंवतराव चव्हाण द्वारा जारी मेडिकल सर्टिफिकेट के बाद पूजा खेडकर UPSC के लिए मल्टीपल डिसेबिलिटी के लिए योग्य हो गई. YCM के सर्टिफिकेट के आधार पर केंद्र सरकार के दिव्यांग मंत्रालय ने पूजा को प्रमाणपत्र दिया. इसी के आधार पर उन्होंने UPSC अटेंप्ट दिया और पास हो गई.