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'जीवन खटा-खट जैसा नहीं', विदेश मंत्री जयशंकर ने कसा राहुल गांधी पर तंज

S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है. जिनेवा में भारतीय प्रवासियों के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन खटा-खट जैसा नहीं है, इसके लिए हमें कड़ी मेहनत की आवश्यकता है.

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Edited By: India Daily Live
S Jaishankar
Courtesy: @DrSJaishankar

S Jaishankar: विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जीवन जीवन खटा-खट जैसा (आसान काम) नहीं है और इसके लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है. जिनेवा में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि जब तक हम मानव संसाधन विकसित नहीं करते, तब तक कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है, जब तक आप बुनियादी ढांचे का निर्माण नहीं करते, जब तक आपके पास वे नीतियां नहीं होतीं. इसलिए जीवन खटा खट जैसा नहीं है.  जीवन कड़ी मेहनत है.  जीवन परिश्रम है.  जिसने भी नौकरी की है और उस पर मेहनत की है, वह इसे जानता है.  इसलिए मेरा आपको यही संदेश है कि हमें इसके लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.

क्या बोले जयशंकर?

इस साल लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने वादा किया था कि अगर कांग्रेस चुनाव जीतती है तो वह देश के हर गरीब घर की एक महिला के खाते में 1 लाख रुपये ट्रांसफर करेगी. विदेश मंत्री ने कहा कि कोई भी देश विनिर्माण के बिना एक प्रमुख विश्व शक्ति नहीं बन सकता.  जयशंकर ने कहा कि और ऐसे लोग हैं जो कहते हैं कि हम इसमें असमर्थ हैं, हमें इसका प्रयास भी नहीं करना चाहिए.  इसलिए, अब अपने आप से पूछें कि क्या आप वास्तव में विनिर्माण के बिना दुनिया में एक प्रमुख शक्ति हो सकते हैं? क्योंकि एक प्रमुख शक्ति को प्रौद्योगिकी की आवश्यकता होती है. कोई भी विनिर्माण विकसित किए बिना प्रौद्योगिकी विकसित नहीं कर सकता है. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने मानव संसाधन के मामले में बहुत कुछ हासिल किया है और इसे और भी बढ़ाने का इरादा है.


राहुल गांधी ने अमेरिका में क्या कहा?

इस सप्ताह के शुरू में डलास में टेक्सास विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता ने कहा कि पश्चिम में रोजगार की समस्या है. भारत में रोजगार की समस्या है..लेकिन दुनिया के कई देशों में रोजगार की समस्या नहीं है.  चीन में निश्चित रूप से रोजगार की समस्या नहीं है.  वियतनाम में रोजगार की समस्या नहीं है.  उन्होंने कहा कि अगर आप 1940, 50 और 60 के दशक में अमेरिका को देखें, तो वे वैश्विक उत्पादन का केंद्र थे. जो कुछ भी बनाया जाता था, (चाहे वह कार हो, वॉशिंग मशीन हो या टीवी हो), सब संयुक्त राज्य अमेरिका में बनाया जाता था. उत्पादन  अमेरिका से स्थानांतरित हुआ यह कोरिया गया और फिर जापान गया. आखिरकार, यह चीन आ गया अगर आप आज देखें तो चीन वैश्विक उत्पादन पर हावी है.