केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में गंभीर अपराधों में गिरफ्तार होने वाले प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को उनके पद से हटाने का बिल लोकसभा में पेश किया. बिल पेश होते ही लोकसभा में जमकर हंगामा देखने को मिला. विपक्ष के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, मनीष तिवारी, एनके प्रेमचंद्रन, धर्मेंद्र यादव, केसी वेणुगोपाल ने इस बिल को असंवैधानिक बताते हुए इसका पुरजोर विरोध किया.शाह ने कहा कि तीनों बिल आगे विवेचना के लिए संयुक्त संसदीय कमेटी (JPC) को भेजे जाएंगे.
क्या आपने गुजरात का गृह मंत्री रहते इस्तीफा दिया था
विपक्ष ने इस बिल का विरोध करते हुए कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने शाह से पूछा कि क्या उन्होंने गुजरात का गृह मंत्री रहते हुए नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया था. केरल के अलप्पुझा से लोकसभा सांसद ने कहा कि बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि यह राजनीति में नैतिकता लाने के लिए है. तो गृह मंत्री बताएं कि जब वे गुजरात के गृह मंत्री थे और उन्हें गिरफ्तार किया गया था तब क्या उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया था?
हां मैंने इस्तीफा दिया था
शाह ने वेणुगोपाल का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि मैंने नैतिकता के आधार पर गुजरात के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और जब तक कोर्ट से बरी नहीं हो गया तब तक कोई संवैधानिक पद नहीं लिया. विपक्ष के सांसदों ने तीनों बिलों को फाड़कर उन्हें शाह के सामने फेंक दिया. हंगामे को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को भंग कर दिया.
लोगों के सरकार चुनने के अधिकार को कमजोर करते हैं बिल
विधेयकों का विरोध करते हुए ओवैसी ने कहा कि ये बिल प्रथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं और लोगों के सरकार चुनने के अधिकार को कमजोर करते हैं.
उन्होंने कहा कि ये विधेयक एजेंसियों को तुच्छ आरोपों और संदेहों के आधार पर न्यायाधीश और जल्लाद बनने की खुली छूट देता है. उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार पुलिस राज्य बनाने पर तुली हुई है. यह चुनी हुई सरकार पर ठोकी गई मौत की कील होगी. इस देश को पुलिस राज्य में बदलने के लिए भारत के संविधान में संशोधन किया जा रहा है.
बता दें कि लोकसभा में तीन विधेयक केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार (संशोधन) बिल 2025, संविधान (130वां संशोधन) बिल 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किया. पेश किए जो 30 दिनों के लिए हिरासत में लिए जाने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को उनके पद से हटाने की शक्ति देते हैं.