PM Modi UK Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार से ब्रिटेन और मालदीव की यात्रा पर रवाना हो गए हैं. यह दौरा भारत के लिए आर्थिक, रणनीतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. 23-24 जुलाई को पीएम मोदी ब्रिटेन में अपने समकक्ष कीर स्टारमर से व्यापक चर्चा करेंगे और किंग चार्ल्स III से भी मुलाकात करेंगे. इस दौरान भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट यानी FTA पर आधिकारिक हस्ताक्षर होने की संभावना है, जिसे मंगलवार को भारत सरकार की कैबिनेट मंजूरी मिल चुकी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता भारतीय निर्यातों पर लगने वाले 99% टैरिफ को खत्म कर देगा और ब्रिटेन के व्हिस्की व कार जैसे उत्पादों की भारत में बिक्री को सरल बनाएगा. समझौते में एक ‘डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन’ भी शामिल है, जिससे भारतीय नियोक्ताओं को ब्रिटेन में सोशल सिक्योरिटी योगदान से छूट मिलेगी.
ब्रिटेन भारत का छठा सबसे बड़ा निवेशक बन चुका है क्योंकि भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2023–24 में 55 बिलियन डॉलर को पार कर चुका है और दोनों देशों के बीच रक्षा, तकनीक और नवाचार जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग तेजी से बढ़ रहा है. हाल ही में दोनों ने इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक पर साझा परियोजना शुरू की है. साथ ही, टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी इनिशिएटिव यानी TSI के तहत 5G, क्वांटम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में साझेदारी पर भी काम हो रहा है.
शिक्षा के क्षेत्र में, गुरुग्राम में यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन के नए कैंपस की स्थापना भारत की नई शिक्षा नीति का प्रतीक मानी जा रही है. इस पहल से अन्य ब्रिटिश संस्थानों के भारत में आने का मार्ग भी खुलेगा.
मोदी की यात्रा के दौरान भारतीय प्रवासी समुदाय की सुरक्षा को लेकर भी विशेष तैयारी की गई है. ब्रिटेन में रहने वाले भारतीयों को भारत-ब्रिटेन संबंधों का "जीवंत पुल" बताया गया है. खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को देखते हुए ब्रिटिश सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं.
पीएम मोदी 25-26 जुलाई को मालदीव पहुंचेंगे, जहां वे राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात करेंगे और भारत समर्थित विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे. यह दौरा दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को पुनर्स्थापित करने के लिहाज से अहम माना जा रहा है. भारत की ‘Neighbourhood First’ और ‘MAHASAGAR’ नीति में मालदीव एक प्रमुख साझेदार बना हुआ है.