संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन यानि कि सोमवार (21 जुलाई) को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इंडिया टुडे टीवी के सूत्रों के अनुसार, बीच कार्यकाल में इस्तीफा देने के कारण धनखड़ विदाई भाषण नहीं दे पाएंगे. 74 वर्षीय धनखड़, जिन्होंने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पद संभाला था, का कार्यकाल 2027 तक था. सूत्रों ने बताया कि केवल पूर्ण पांच वर्षीय कार्यकाल पूरा करने वाले उपराष्ट्रपति ही विदाई भाषण दे सकते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जगदीप धनखड़ तीसरे ऐसे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दिया. इससे पहले, वी.वी. गिरी (1967-1969) और आर. वेंकटरमण (1984-1987) ने भी बीच कार्यकाल में इस्तीफा देकर राष्ट्रपति पद संभाला था. धनखड़ के पूर्ववर्ती एम. वेंकैया नायडू ने 2017 से 2022 तक पूर्ण कार्यकाल पूरा किया था. नायडू को विदाई समारोह में सम्मानित किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने उनके योगदान की सराहना की थी. नायडू ने भी अपना विदाई भाषण दिया था. धनखड़ उस समारोह का हिस्सा थे, जो पद के सुचारू हस्तांतरण के लिए आयोजित किया गया था.
स्वास्थ्य कारणों से उप राष्ट्रपति ने दिया इस्तीफा
जगदीप धनखड़ ने सोमवार (21 जुलाई) को रात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित अपने इस्तीफे में लिखा, "स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं भारत के उपराष्ट्रपति के पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत निर्धारित है." यह पहली बार है जब किसी उपराष्ट्रपति ने स्वास्थ्य कारणों को मुख्य आधार बनाकर इस्तीफा दिया है. मंगलवार को राष्ट्रपति मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया.
संवैधानिक प्रक्रिया और अगले कदम
संविधान के अनुच्छेद 67 के तहत, उपराष्ट्रपति का कार्यकाल और इस्तीफे से संबंधित प्रावधान दिए गए हैं. अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार, उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति को लिखित में इस्तीफा सौंप सकता है. नए उपराष्ट्रपति के चुनाव तक उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह दैनिक कार्य संभालेंगे. जल्द ही उपराष्ट्रपति चुनाव की उम्मीद है.
विपक्ष का दावा: इस्तीफे के पीछे गहरे कारण
हालांकि, विपक्ष ने दावा किया है कि धनखड़ के इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य से कहीं "गहरे कारण" हैं. विपक्ष का कहना है कि हालांकि यह इस्तीफा धनखड़ के लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन यह उन लोगों पर खराब प्रभाव डालता है जिन्होंने उन्हें इस पद पर चुना था.