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PM Modi Cartoon Case: "हद है! कोई भी कुछ भी कह देता है", सुप्रीम कोर्ट ने कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को लगाई फटकार

PM Modi Cartoon Case: सुप्रीम कोर्ट ने कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को पीएम मोदी और RSS पर आपत्तिजनक पोस्ट साझा करने के लिए फटकार लगाई, लेकिन गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी. कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया पर भाषा का दुरुपयोग बंद होना चाहिए और जल्द इस पर दिशा-निर्देश दिए जाएंगे.

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Edited By: Km Jaya
Cartoonist Hemant Malviya
Courtesy: Social Media

PM Modi Cartoon Case: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS पर आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट साझा करने के मामले में कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को जमकर फटकार लगाई. हालांकि कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत भी प्रदान की है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और अरविंद कुमार की पीठ ने सुनवाई के दौरान हिंदी में कहा, "हद है! लोग किसी को भी, कुछ भी कह देते हैं." कोर्ट ने यह टिप्पणी उस समय की जब मालवीय द्वारा साझा किए गए आपत्तिजनक पोस्ट की चर्चा हो रही थी, जो प्रधानमंत्री और संघ के स्वयंसेवकों को लेकर थे.

सुप्रीम कोर्ट ने दी चेतावनी

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल मालवीय को गिरफ्तारी से बचा लिया है, लेकिन चेतावनी दी कि अगर वे इस तरह की पोस्ट साझा करते रहे, तो मध्य प्रदेश सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग 

कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया जा रहा है. पीठ ने कहा, "लोग आजकल सोशल मीडिया पर कुछ भी कहते हैं, बस हीरो बनने के लिए. ऐसे में भाषा पर नियंत्रण जरूरी है. हम अगली सुनवाई के बाद, 15 अगस्त के बाद, इस विषय पर दिशा-निर्देश देने पर विचार करेंगे."

क्या है पूरा मामला?

हेमंत मालवीय के खिलाफ मामला उनके एक पुराने कार्टून को लेकर दर्ज किया गया है, जिसमें कथित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी और RSS को लेकर आपत्तिजनक सामग्री थी. यह पोस्ट 2021 में साझा किया गया था, लेकिन हाल ही में इसे कुछ यूजर्स ने फिर से वायरल किया.

मालवीय की ओर से वकील वृंदा ग्रोवर ने अदालत में कहा कि उनका मूल कार्टून 2020 में प्रकाशित हुआ था, और एफआईआर उस पोस्ट को लेकर है जिसे किसी अन्य व्यक्ति ने धार्मिक टिप्पणी जोड़कर शेयर किया. ग्रोवर ने कहा, "राज्य का गुस्सा एक निर्दोष कलाकार पर क्यों?"उन्होंने यह भी कहा कि मालवीय पोस्ट हटाने के लिए तैयार हैं.

सरकारी पक्ष की दलील

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा कि हर किसी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन यह अधिकार आपराधिक गतिविधि में तब्दील नहीं होना चाहिए. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर भाषा और व्यवहार को लेकर नियंत्रण जरूरी है और इस विषय पर व्यापक दिशा-निर्देश जल्द दिए जाएंगे.

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