केरल की 32 वर्षीय महिला, विपंचिका मणियन, और उनकी एक साल की बेटी की मौत के बाद उनके पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया है. 8 जुलाई को शारजाह के एक अपार्टमेंट में उनकी लाशें मिलीं, और इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए. प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि मणियन ने आत्महत्या की, जबकि उनकी बेटी की मौत के कारणों पर संदेह था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मणियन की मां, श्यामला ने केरल पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि उनकी बेटी को उसके पति निधीश वालियावेत्तिल और उसके ससुराल वालों से लगातार दहेज उत्पीड़न और मानसिक तथा शारीरिक अत्याचार का सामना करना पड़ा. शिकायत में यह भी कहा गया कि मणियन की त्वचा की रंगत के कारण उसे अपमानित किया गया और उसके बाल काट दिए गए थे ताकि वह कम सुंदर दिखे.
ससुराल वालों द्वारा शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न
मणियन और निधीश का विवाह 2020 में हुआ था और उसके बाद वे शारजाह में रहने लगे. श्यामला के अनुसार, मणियन को दहेज के लिए लगातार उत्पीड़ित किया गया और उसकी शारीरिक विशेषताओं को लेकर उसे ताने दिए गए. इसके अलावा, मणियन की एक साल की बेटी, व्याभवी को भी शारीरिक चोटें आईं, क्योंकि मणियन ने अपने पति के दूसरे महिलाओं के साथ "रिश्तों" का विरोध किया था.
बेटी की संदिग्ध मौत और आत्महत्या के आरोप
शामला ने यह भी आरोप लगाया कि मणियन और उसकी बेटी की मौत के पीछे ससुराल वालों का हाथ है. शव परीक्षण रिपोर्ट में यह सामने आया कि बच्ची की मौत "हवा के मार्ग में रुकावट" के कारण हुई, जो शायद एक तकिए से हुई हो. इसने यह संदेह पैदा किया कि बच्ची को पहले मारा गया हो और फिर मणियन ने आत्महत्या की.
पुलिस ने की कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 85 (पत्नी या उसके रिश्तेदारों द्वारा उत्पीड़न) और धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत जांच शुरू कर दी है. इसके अलावा, दहेज निषेध अधिनियम, 1961 की धारा 3 और 4 भी लगाई गई है.