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'सरकार का मतलब अकेला मोदी नहीं होता...', आखिर ऐसा क्यों बोले प्रधानमंत्री?

PM Modi After Taking Charge: तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद PM मोदी अपने ऑफिस पहुंचे. यहां उन्होंने कार्यभार संभालने के साथ ही अपने सहकर्मियों को संबोधित किया. आइये जानें इस दौरान उन्होंने क्या कहा?

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Edited By: India Daily Live
PM Modi Speech In PMO
Courtesy: PM Modi

PM Modi In PMO: रविवार को नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. इसके बाद सोमवार को ही उन्होंने अपने ऑफिस पहुंचकर अपना काम संभाल लिया. यहां उन्होंने अपने सहकर्मियों से मुलाकात की. PMO में उनके स्वागत के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. यहां उन्होंने PMO के कर्मचारियों को संबोधित किया और कहा कि जब सरकार की बात आती है तो इसका मतलब केवल मोदी नहीं होता है.

रविवार को शाम 7-30 बजे शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया था. इसमें प्रधानमंत्री के साथ ही 71 अन्य मंत्रियों ने शपथ ली थी. इसमें 30 कैबिनेट, 5 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 36 राज्य मंत्रियों की शपथ हुई थी. इसके बाद आज प्रधानमंत्री ने अपना कार्यालय संभाल लिया है.

पीएमओ के अधिकारियों को संबोधन

तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद पीएमओ के अधिकारियों को अपने पहले संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, "जब सरकार की बात आती है, तो यह सिर्फ मोदी नहीं है, हजारों दिमाग जो उनके साथ जुड़े हुए हैं, हजारों मस्तिष्क जो इस पर काम कर रहे हैं, हजारों भुजाएं जो इस पर काम कर रही हैं. इसकी भव्यता के कारण ही सामान्य लोग भी इसकी क्षमताओं से परिचित हो पाते हैं.

पहला काम क्या किया?

कार्यभार संभालते ही प्रधानमंत्री ने कहा कि देशभर के अपने किसान भाई-बहनों का जीवन आसान बनाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है. यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद पहला काम उनके लिए ही करने का अवसर मिला है. इसके तहत पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त से जुड़ी फाइल पर हस्ताक्षर किया. इसका लाभ देश के 9 करोड़ से ज्यादा अन्नदाताओं को होगा.

PMO सेवा का अधिष्ठान

मेरा शुरू से प्रयास रहा है कि PMO सेवा का अधिष्ठान और People’s PMO बने. सरकार का मतलब सामर्थ्य, समर्पण और संकल्पों की नई ऊर्जा है. हमारी टीम के लिए ना तो समय का बंधन है, ना सोचने की सीमाएं और ना ही पुरुषार्थ के लिए कोई तय मानदंड. उन सबको मेरा निमंत्रण है, जो विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए समर्पित भाव से खप जाना चाहते हैं. 

कर्मचारियों को दिया सिद्धि का मंत्र

इच्छा + स्थिरता = संकल्प और संकल्प + परिश्रम = सिद्धि का सूत्र देते हुए PM ने कहा कि जहां कोई नहीं पहुंचा, वहां अपने देश को हमें पहुंचाना है. अगर ये तीन चीजें हमारे पास हों, तो मैं नहीं मानता कि विफलता दूर-दूर तक नजर आएगी. इस विजय के बड़े हकदार भारत सरकार के कर्मचारी भी हैं, जिन्होंने एक विजन के लिए खुद को समर्पित कर दिया. सफल इंसान वो होता है, जिसके भीतर का विद्यार्थी कभी मरता नहीं है.