menu-icon
India Daily

भगोड़े मेहुल चोकसी के भारत आने का रास्ता लगभग साफ, बेल्जियम सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की खारिज

बेल्जियम की सुप्रीम कोर्ट ने मेहुल चोकसी की प्रत्यर्पण अपील खारिज कर दी है. इससे भारत में उसे लाने की राह लगभग साफ हो गई है. चोकसी अप्रैल से एंटवर्प जेल में बंद है.

auth-image
Edited By: Kuldeep Sharma
Mehul Choksi india daily
Courtesy: social media

PNB घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम से बड़ा झटका लगा है. बेल्जियम सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उसके प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया. 

कोर्ट के इस फैसले से चोकसी को भारत लाने की राह में एक अहम बाधा दूर हुई है. 65 वर्षीय चोकसी अप्रैल से एंटवर्प जेल में बंद हैं, जबकि उनके भांजे नीरव मोदी भी लंदन में प्रत्यर्पण प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं.

मेहुल चोकसी की अपील खारिज

बेल्जियम सुप्रीम कोर्ट ने चोकसी की अपील को खारिज कर दिया और एंटवर्प कोर्ट ऑफ अपील्स के आदेश को बरकरार रखा. पिछले महीने ही एंटवर्प कोर्ट ने CBI के अनुरोध पर चोकसी के प्रत्यर्पण की अनुमति दी थी. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भारत में चोकसी राजनीतिक प्रकरण का हिस्सा नहीं है और उसे यातना या न्यायिक अन्याय का खतरा नहीं है.

भारत में आर्थिक अपराधों का मामला

चोकसी पर करीब 13,000 करोड़ रुपये के PNB घोटाले में गंभीर आरोप हैं. दो गिरफ्तारी वारंट (मई 2018 और जून 2021) उसके खिलाफ जारी हैं, जिनमें आपराधिक साजिश, विश्वासघात, धोखाधड़ी और गबन शामिल हैं. बेल्जियम कोर्ट ने इन वारंटों को प्रत्यर्पण योग्य मानते हुए भारत को उसे वापस लाने का रास्ता आसान किया.

अपहरण के आरोपों को कोर्ट ने खारिज किया

चोकसी ने अपील में दावा किया था कि 2021 में एंटीगा और बारबुडा में भारतीय अधिकारियों के इशारे पर उसका अपहरण किया गया था. बेल्जियम की सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया. कोर्ट केवल कानूनी पहलुओं पर विचार करती है और नए तथ्य या सबूत स्वीकार नहीं करती.

एंटवर्प जेल में बंद चोकसी

चोकसी अप्रैल में गिरफ्तार होने के बाद से एंटवर्प जेल में बंद हैं. 65 वर्षीय हीरा कारोबारी के भारत प्रत्यर्पित होने की प्रक्रिया अब तेजी से आगे बढ़ सकती है. उनके भांजे नीरव मोदी भी लंदन की जेल में इसी प्रकार की प्रत्यर्पण प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं.

भारत सरकार के लिए बड़ी जीत

बेल्जियम सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला भारत सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि है. यह आर्थिक अपराधियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वापस लाने के प्रयासों को मजबूत करता है. सरकार की कोशिश है कि भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामलों में दोषियों को कानून के तहत लाया जाए और न्याय सुनिश्चित किया जा सके.