नई दिल्ली: भारत में मीठे का नाम आते ही सबसे पहले गुड़ याद आता है. चाय से लेकर मिठाइयों तक, गुड़ हमारी दिनचर्या का हिस्सा रहा है. इसे शुद्ध और प्राकृतिक मिठास का विकल्प माना जाता है.
हालांकि, गुड़ के फायदे जितने चर्चित हैं, उतने ही इसके नुकसान भी अनदेखे रह जाते हैं. हर शरीर की जरूरत और प्रकृति अलग होती है. ऐसे में कुछ लोगों के लिए गुड़ सेहत सुधारने के बजाय बिगाड़ भी सकता है.
गुड़ में भी प्राकृतिक शुगर मौजूद होती है. 100 ग्राम गुड़ में पर्याप्त मात्रा में फ्रक्टोज और ग्लूकोज पाया जाता है. डायबिटीज या प्रीडायबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए इसका अधिक सेवन खतरनाक हो सकता है. गुड़ खाने से ब्लड शुगर तेजी से बढ़ सकता है, जिससे दवाओं और इंसुलिन का संतुलन बिगड़ने का खतरा रहता है.
अगर गुड़ साफ-सुथरे माहौल में तैयार न किया गया हो, तो इसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं. ऐसा गुड़ खाने से पेट दर्द, दस्त और इंफेक्शन की शिकायत हो सकती है. खुले में बिकने वाले या बिना जांच का गुड़ पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना जरूरी है.
कुछ लोगों में गुड़ एलर्जिक रिएक्शन पैदा कर सकता है. अधिक मात्रा में इसका सेवन सिरदर्द, उल्टी, त्वचा पर रैश या सर्दी-खांसी को बढ़ा सकता है. जिन लोगों को पहले से एलर्जी या सांस से जुड़ी दिक्कत रहती है, उन्हें गुड़ खाने से पहले सतर्क रहना चाहिए.
गुड़ को हेल्दी समझकर जरूरत से ज्यादा खाना वजन बढ़ा सकता है. 100 ग्राम गुड़ में करीब 383 कैलोरी होती है. ज्यादा कैलोरी लेने से शरीर में फैट जमा हो सकता है. वजन घटाने की कोशिश कर रहे लोगों को गुड़ का सीमित सेवन ही करना चाहिए.
थोड़ी मात्रा में गुड़ पाचन को दुरुस्त करता है, लेकिन अधिक सेवन शरीर में गर्मी बढ़ा देता है. इससे कब्ज, पेट में जलन और गैस की समस्या हो सकती है. कमजोर पाचन वाले लोगों के लिए संतुलन सबसे जरूरी है, वरना फायदे की जगह नुकसान हो सकता है.
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