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सपा में शामिल हुए, मेनका गांधी को हराया चुनाव, अब जेल क्यों चले गए सोनू सिंह?

Sonu Singh Jailed: 2019 में मेनका गांधी से लोकसभा चुनाव हारने वाले सोनू सिंह इस बार चुनाव के दौरान ही सपा में शामिल हो गए थे. अब चुनाव नतीजे आने के 10 दिन के बाद सोनू सिंह को जेल भेज दिया गया है.

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Edited By: India Daily Live
Sonu Singh
Courtesy: Social Media

उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर इस बार समाजवादी पार्टी ने ऐन वक्त पर खेल कर दिया था. पिछली बार मेनका गांधी के खिलाफ चुनाव लड़कर मामूली अंतर से हारे चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू सिंह लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गए थे. मेनका गांधी का सरेआम विरोध करने वाले सोनू सिंह और उनके भाई मोनू सिंह ने सपा के समर्थन में प्रचार किया और नतीजे आए तो मेनका गांधी यहां से चुनाव हार गईं. चुनाव नतीजे आने के एक हफ्ते के अंदर ही सोनू सिंह को जेल जाना पड़ गया है. सपा में आने से पहले सोनू सिंह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) में भी रह चुके हैं.

इस बार सुल्तानपुर लोकसभा सीट से सपा के रामभुआल निषाद ने जीत हासिल की है. इसमें सोनू सिंह और मोनू सिंह की अहम भूमिका मानी जा रही है क्योंकि ये दोनों ही भाई पूर्व विधायक रहे हैं. 2019 में मेनका गांधी से चुनाव हारने वाले सोनू सिंह ने चुनाव के दौरान आरोप लगाए थे कि मेनका गांधी ने उनके पूरे परिवार के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराए हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि मेनका गांधी चाहती हैं कि हम दोनों भाई उनके सामने सरेंडर हो जाएं.

क्यों जाना पड़ गया जेल?

यह मामला लगभग तीन साल पहले का है. इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सोनू सिंह और कुछ अन्य लोगों को डेढ़ साल की सजा सुनाई थी. साथ ही, 23 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. इसी मामले में सरेंडर न करने की वजह से कोर्ट ने सोनू सिंह की गिरफ्तारी के आदेश दे दिए थे. अब सोनू सिंह और एक अन्य आरोपी आज कोर्ट में पेश हुआ. वहीं से इन दोनों को जेल भेज दिया गया है.

दरअसल, आरोप है कि सोनू सिंह और उनके कुछ साथियों ने एक शख्स की दीवार को जेसीबी से गिरवा दिया और मारपीट की. सुल्तानपुर के धनपतगंज थाना क्षेत्र के मायंग गांव में यह घटना फरवरी 2021 में हुई थी. इसी गांव के निवासी बनारसी लाल कसौधन ने आरोप लगाए थे कि सोनू सिंह और उनके सहयोगी अंशू सिंह के निर्देश पर रुकसार नाम के शख्स ने जबरन उनकी दीवार गिरा दी थी और विरोध करने पर घर में घुसकर मारपीट की थी.

इसी मामले में सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और सभी आरोपियों को सरेंडर करने को कहा था. रुकसार ने सरेंडर कर दिया था लेकिन सोनू सिंह और अंशू सिंह ने सरेंडर नहीं किया था. अब इन दोनों ने भी सरेंडर कर दिया है और दोनों को जेल भेज दिया है. उनके समर्थकों का कहना है कि झूठे मुकदमे में फंसाकर सोनू सिंह को जेल भेजा गया है.