share--v1

कश्मीर टारगेट किलिंग में बड़ा खुलासा, PAK आतंकियों के पास से बरामद हुए अमेरिकी हथियार

Kashmir Target Killing: जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस ने अपनी छाबीन में आंतकियों के पास अमेरिकी हथियार होने की पुष्टि की है.

auth-image
India Daily Live

Kashmir Target Killing: जम्मू कश्मीर के राजौरी में टारगेट किलिंग में बड़ा खुलासा हुआ है. इस टारगेट किलिंग में अमेरिकी राइफल का इस्तेमाल होने की जानकारी सामने आई है. सोमवार को आतंकियों  ने राजौरी में मोहम्मद रज्जाक नाम के सरकारी कर्मचारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस जांच में पता चला है कि इस हत्या में पाकिस्तान के आतंकियों का हाथ था. 

रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस जांच में पता चला कि इस हमले में पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे. आतंकियों ने अमेरिका में निर्मित M4 राइफल और पिस्टल का भी इस्तेमाल किया. पुलिस ने घटनास्थल पर राइफल की बुलेट बरामद की है. हमलावरों को पकड़ने के लिए सेना और पुलिस ने इलाके की कड़ी घेराबंदी भी कर दी है. 

भारतीय सेना इससे पहले भी साल 2021 में अफगानिस्तान के तालिबान पर कब्जे के बाद कश्मीर के कई हिस्सों से आतंकियों के पास से एम 4 राइफल्स बरामद की थीं. सुरक्षाबलों ने दिसंबर 2020 में एक मुठभेड़ के दौरान 6 आतंकियों को मार गिराया था. सेना ने इनके पास से हथियार बरामद किए थे. जम्मू कश्मीर में एक माह के भीतर टारगेट किलिंग की यह तीसरी घटना है. इससे पहले इसमें दो गैर कश्मीरियों की मौत हुई थी. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहां टारगेट किलिंग की घटनाओं में ज्यादा वृद्धि हुई है.

M4 राइफल क्या है? 

एम 4 राइफल को सटीक निशाना लगाने के लिए जाना जाता है. इस राइफल में हल्का बदलाव कर इससे ग्रेनेड लॉन्चर भी बनाया जा सकता है. इस राइफल की तुलना कई बार एके 47 से भी की जाती है. यह 600 मीटर की दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम है. यह लगातार 950 राउंड गोलियां भी दाग सकती है. दुनियाभर में 60 देशों की सेनाएं इस राइफल का इस्तेमाल करती हैं. अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से वापसी के बाद अमेरिकी सेना ने 3.50 लाख से ज्यादा राइफल वहीं छोड़ दी थीं. इनमें एम 4 राइफल की भी संख्या अच्छी खासी थी. 

 

Also Read