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'लालू यादव धृतराष्ट्र की तरह अपने बेटे को गद्दी पर बिठाना चाहते हैं,' परिवारवाद पर भड़के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, देखें वीडियो

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा,''बिहार की जनता, खासकर 30 साल से कम उम्र के नौजवानों से मेरा निवेदन है कि वे जान लें कि बिहार की स्थिति (राजद का कार्यकाल में)कैसी थी. बिजली नहीं थी, सड़के नहीं थीं, पानी नहीं था, गरीबों के पास घर नहीं थे, अस्पताल में जानवर बैठते थे, स्कूल टूटे हुए थे लेकिन आज दृश्य बदला हुआ है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Shandilya Giriraj Singh
Courtesy: X@girirajsinghbjp

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर तीखा कटाक्ष करते हुए उन्हें ‘धृतराष्ट्र’ की संज्ञा दी. उन्होंने लालू पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपने बेटे को सत्ता सौंपने के लिए बेचैन हैं. पटना में एक सभा को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, “लालू यादव धृतराष्ट्र की तरह अपने बेटे को गद्दी पर बैठाने के लिए व्याकुल हैं.” 

न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में  केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा,'' राजद के शासनकाल की कथित कमियों को उजागर करते हुए बिहार की जनता, खासकर युवाओं से सतर्क रहने की अपील की. उन्होंने कहा, “बिहार की जनता, खासकर 30 साल से कम उम्र के नौजवानों से मेरा निवेदन है कि वे जान लें कि बिहार की स्थिति (राजद का कार्यकाल में) कैसी थी. बिजली नहीं थी, सड़कें नहीं थीं, पानी नहीं था, गरीबों के पास घर नहीं थे, अस्पताल में जानवर बैठते थे, स्कूल टूटे हुए थे.” लेकिन आज दृश्य बदला हुआ है.

बिहार की प्रगति का दावा

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मौजूदा सरकार की उपलब्धियों पर जोर देते हुए कहा कि बिहार ने पिछले कुछ सालों में उल्लेखनीय प्रगति की है. उन्होंने कहा,“यह बदला हुआ बिहार है, जिसने उड़ान भर ली है. अब इस बिहार को गति देने की जरूरत है. उन्होंने दावा किया कि बिहार अब विकास की राह पर है और इसे और तेजी से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है.

लालू की महत्वाकांक्षा पर गिरिराज सिंह का प्रहार

लालू यादव की तुलना महाभारत के धृतराष्ट्र से करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, “धृतराष्ट्र का सपना कभी पूरा नहीं होगा. महाभारत में भी धृतराष्ट्र अपने बेटे को कभी राजा नहीं बना पाया क्योंकि उसकी नीतियां और उसकी सोच ही गलत थी.” उन्होंने जनता से अपील की कि वे परिवारवादी राजनीति को नकारें और विकास के पथ पर बिहार को आगे ले जाएं.