Women In Lok Sabha: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सबके सामने हैं. 9 जून को देश में नई सरकार का गठन होने जा रहा है. इससे पहले परिणामों का एनालिसिस जारी है. इस बार के चुनाव में खास ये रहा है कि हर बार की तरह अलग-अलग दलों से महिलाओं की उम्मीदवारी तो बढ़ी लेकिन उनका चुनाव नहीं हुआ. यानी आधी आबादी का प्रतिनिधित्व संसद के सदन में नहीं बढ़ा बल्कि पिछले सदन के मुकाबले घट जरूर गया.
18वीं लोकसभा के लिए कुल 74 महिला सदस्य यानी 13.62 ही जीतकर आई हैं. ये 2014 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले कम हैं. हालांकि, इस बार प्रत्याशियों की संख्या बढ़ गई थी. इस बार सबसे ज्यादा महिलाएं बंगाल से चुनकर आई हैं.
साल 1957 से लेकर 2024 तक महिला उम्मीदवारों का आंकड़ा 1,000 से ऊपर नहीं पहुंचा है. 2024 के चुनावों में कुल केवल 797 महिला प्रत्याशियों को उतारा गया. इसमें से 74 चुनकर सदन में पहुंची हैं. इस चुनाव में कुल 8,360 उम्मीदवार थे. यानी महिला उम्मीदवारों की संख्या पूरे 10 फीसदी भी नहीं थी.
पिछले चुनावों की बात करें तो 2019 में 726 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. इसमें से 78 महिलाएं जीतकर संसद पहुंची थीं. वहीं 2014 में 640 महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा गया था. इसमें से 62 ने जीत हासिल की थी. जहकि, 2009 में 556 उम्मीदवारों में से 58 ने संसद तक का सफर तय किया था. यानी उम्मीदवारी बढ़ने के बाद भी महिलाओं का चुनाव बढ़ नहीं पाया.
- 31 महिला सांसद इस बार बीजेपी से जीतकर आई हैं
- कांग्रेस के नाम पर केवल 13 महिलाओं ने चुनाव जीता है.
- एक राज्य में होने के बाद भी तृणमूल कांग्रेस ने 11 महिलाओं को सदन में भेजा है.
- समाजवादी पार्टी पांच महिला सांसद चुनी गई हैं.
- डीएमके से तीन, जेडीयू और लोजपा से दो-दो महिला सांसद चुनी गई हैं.
कम उम्मीदवारी- अभी भी पार्टियां महिला उम्मीदवारों पर भरोसा नहीं जता रही हैं
खास उम्मीदवार- ज्यादातर महिला उम्मीदवार खास परिवार से ताल्लुक रखने वाली हैं
प्रचार में दम- पार्टियां महिलाओं को नाम के लिए टिकट देती हैं
कानून की कमी- सदन में महिलाओं के आरक्षण को लेकर कानून अभी लागू नहीं हुआ
उम्मीदवारी बढ़ाए- दलों को चाहिए की वो महिलाओं की उम्मीदवारी बढ़ाएं
कानून लागू हो- देश में महिला सम्मान कानून 2029 तक लागू होना है
प्रचार प्रसार करें- महिलाओं को जिताने के लिए उनके पक्ष में प्रचार बढ़ाया जाए
लोकसभा चुनाव 2024 के हर चरण में महिला उम्मीदवारी बेहद कम थी. पहले चरण के 1,625 उम्मीदवारों में केवल 134 महिलाएं थीं. वहीं दूसरे चरण के 1,192 से 100 महिला, तीसरे चरण के 1,352 में से 123 महिलाएं, चौथे चरण में सबसे अधिक 170 महिलाएं, पांचवें चरण में 82, छठे चरण में 92 और आखिरी यानी 7वें चरण में 95 महिला उम्मीदवार उतारी गईं थी.