Nipah Virus: केरल में निपाह वायरस ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है. हाल ही में पलक्कड़ जिले में एक 57 साल के व्यक्ति की निपाह वायरस से हुई मौत के बाद राज्य सरकार ने छह जिलों पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, कन्नूर, वायनाड और त्रिशूर में हाई अलर्ट जारी कर दिया है. इससे पहले मलप्पुरम में एक 17 वर्षीय छात्रा की भी इस वायरस से मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग ने 675 लोगों को कॉन्टैक्ट लिस्ट में शामिल किया है, जिनमें से 38 लोग उच्च जोखिम वाली श्रेणी में हैं. इनमें से कई लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है और मलप्पुरम में एक व्यक्ति आईसीयू में भर्ती है.
केरल में पैर पसार रहा निपाह वायरस
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि मलप्पुरम से लिए गए 82 नमूनों की जांच निगेटिव आई है. इसके बावजूद सतर्कता बढ़ाने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. प्रभावित क्षेत्रों में प्रवेश और निकास पर प्रतिबंध लगाए गए हैं और लोगों से अनावश्यक अस्पताल दौरों से बचने की सलाह दी गई है. मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है और स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), पुणे ने पलक्कड़ में चमगादड़ों के 160 नमूने एकत्र किए हैं, क्योंकि यह वायरस फल खाने वाले चमगादड़ों से फैलता है.
कोई इलाज या वैक्सीन अभी उपलब्ध नहीं
निपाह वायरस एक खतरनाक जूनोटिक बीमारी है, जो जानवरों से इंसानों में और इंसानों से इंसानों में फैल सकती है. इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी और दिमागी बुखार (एन्सेफलाइटिस) शामिल हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इसकी मृत्यु दर 40-100% तक हो सकती है और इसका कोई इलाज या वैक्सीन अभी उपलब्ध नहीं है. केरल में 2018 से अब तक छह बार निपाह का प्रकोप देखा जा चुका है.
स्वास्थ्य विभाग ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की निगरानी कर दी तेज
स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और बुखार निगरानी तेज कर दी है. पलक्कड़ और मलप्पुरम में स्वास्थ्य टीमें घर-घर जाकर जागरूकता फैला रही हैं. लोगों से सतर्क रहने और लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल संपर्क करने की अपील की गई है. सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं.