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India Daily

भारत में मिले कोरोना के दो नए वेरिएंट, कितने खतरनाक INSACOG ने बताया, क्या कोई खतरा है?

तमिलनाडु में अप्रैल में कोविड-19 के एनबी.1.8.1 वैरिएंट का एक मामला सामने आया था, जबकि मई में गुजरात में एलएफ.7 के चार मामले सामने आए थे.

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Edited By: Mayank Tiwari
New Covid variants
Courtesy: Social Media

भारत में कोविड-19 के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी के बीच, भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने दो नए वेरिएंट्स की पहचान की है. इनमें NB.1.8.1 और LF.7 शामिल हैं. वहीं, INSACOG के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में तमिलनाडु में NB.1.8.1 का एक मामला और मई में गुजरात में LF.7 के चार मामले सामने आए हैं. हालांकि, एक्सपर्ट ने लोगों से घबराने के बजाय सावधानी बरतने की सलाह दी है.

INSACOG की रिपोर्ट के मुताबिक, NB.1.8.1 का एक मामला तमिलनाडु में और LF.7 के चार मामले गुजरात में दर्ज किए गए हैं. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन दोनों वेरिएंट्स को "वेरिएंट्स अंडर मॉनिटरिंग" की श्रेणी में रखा है, न कि "वेरिएंट्स ऑफ कंसर्न" या "वेरिएंट्स ऑफ इंटरेस्ट" में रखा है.

नए वेरिएंट्स का उदय

WHO ने कहा, "उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर, NB.1.8.1 से वैश्विक स्तर पर अतिरिक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम कम है. ऐसे में मौजूदा कोविड-19 के टीके इन वेरिएंट्स के खिलाफ लक्षणों और गंभीर बीमारी से बचाव में प्रभावी रहने की उम्मीद है. भारत में JN.1 वेरिएंट सबसे प्रमुख है, जो 53% नमूनों में पाया गया, जबकि BA.2 26% और अन्य ओमिक्रॉन सबलाइनेज 20% मामलों में हैं.

विशेषज्ञों की सलाह: सावधानी बरतें, घबराएं नहीं

इधर, डॉक्टरों ने JN.1 वेरिएंट से जुड़े मामलों की बढ़ोत्तरी पर लोगों से घबराने के बजाय सतर्क रहने की अपील की है. ऐसे में भारतीय चिकित्सा संघ जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क (IMA JDN) के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. ध्रुव चौहान ने कहा, "यह घातक वेरिएंट नहीं है और ज्यादातर मरीजों में केवल हल्के लक्षण देखे गए हैं." उन्होंने सलाह दी कि, "हाथ की स्वच्छता बनाए रखें, अस्पतालों या भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें और श्वसन स्वच्छता का पालन करें. वहीं, लक्षण दिखने पर योग्य डॉक्टर से जांच कराएं." डॉ. चौहान ने आगे कहा, "जनता को यह याद रखना चाहिए कि घबराहट और अराजकता स्वयं बीमारी से भी अधिक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है."