स्कॉटलैंड के टर्नबेरी रिसॉर्ट में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक ऐसा बयान दिया, जिसने वैश्विक राजनीति के साथ-साथ भारत की संसद में भी हलचल मचा दी. ट्रंप ने दावा किया कि उनके राष्ट्रपति रहते हुए दुनिया के छह संभावित युद्धों को उन्होंने रोक दिया, जिनमें भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध भी शामिल था. इस बयान को लेकर भारत में विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर वह राष्ट्रपति न होते, तो भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हो चुका होता. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों पर व्यापारिक दबाव डालकर तनाव कम किया और संघर्ष टाल दिया. ट्रंप ने कहा, “अगर मैं आसपास नहीं होता, तो आज दुनिया में छह बड़े युद्ध चल रहे होते. भारत पाकिस्तान से युद्ध कर रहा होता” यह बयान ऐसे समय आया है जब थाईलैंड और कंबोडिया ने संघर्षविराम की घोषणा की है और ट्रंप खुद को वैश्विक शांति के संरक्षक के तौर पर प्रस्तुत कर रहे हैं.
ट्रंप के इस बयान के बाद भारतीय संसद में विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया. तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने पूछा कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने इतना बड़ा दावा किया तो प्रधानमंत्री मोदी ने उसे सार्वजनिक रूप से खारिज क्यों नहीं किया. बनर्जी ने संसद में कहा, “प्रधानमंत्री मोदी, आपने अपने 'X' हैंडल पर एक बार भी क्यों नहीं लिखा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो कह रहे हैं वह गलत है?”
इधर जब भारत के संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस हो रही है,अमेरिकी प्रेसिडेंट ट्रम्प ने इंग्लैंड के प्रधानमंत्री के सामने फिर दोहराया-उन्होंने भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाई ।
— Narendra Nath Mishra (@iamnarendranath) July 28, 2025
विदेश मंत्री जयशंकर ने आज संसद में बिना ट्रम्प का नाम लिए कहा कि किसी ने मध्यस्थता नहीं की! pic.twitter.com/1Euw94BlnR
ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने रवांडा और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के बीच शांति स्थापित कराई और सर्बिया-कोसोवो संघर्ष को भी रोका. उन्होंने गाजा संकट पर भी चिंता जताई और कहा कि अमेरिका ने वहां काफी वित्तीय सहायता भेजी है, जिसे हमास ने हड़प लिया. ट्रंप ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार की अपेक्षा है, और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को यह पुरस्कार मिलने से उन्हें प्रेरणा मिली. पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने भी भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध रोकने का श्रेय ट्रंप को देते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया था.