राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में पिछले साल की तुलना में 4% की वृद्धि हुई है. इस साल महिलाओं के खिलाफ कुल 4,45,256 मामले दर्ज किए गए. पिछले साल की तुलना में साल 2022 में 20 लाख से अधिक आबादी वाले 19 महानगरों में 12.3 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई थी.
ये महानगर अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, कोयंबटूर, दिल्ली, गाजियाबाद, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, कोझिकोड, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, पुणे और सूरत हैं. यहां महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 48 हजार 755 मामले दर्ज हुए. ये पिछले साल की तुलना में 12.3 की गंभीर वृद्धि को दर्शा रहा है.
दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध होते हैं. इस साल दिल्ली में 1,204 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए. यह देश में महिलाओं के खिलाफ दर्ज किए गए कुल बलात्कार के मामलों का 31.20% है. इस तरह से दिल्ली में 2022 में प्रतिदिन औसतन तीन बलात्कार के मामले सामने आए.
दिल्ली साइबर अपराध के मामले में भी सबसे आगे है. इस साल दिल्ली में 685 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए. इसमें 331 साइबर धोखाधड़ी की घटनाएं, 55 कंप्यूटर से संबंधित अपराध और 5 धोखाधड़ी की घटनाएं शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे अधिक मामलों वाले राज्य है. इस साल उत्तर प्रदेश में 65,743 महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज किए गए. इसके बाद महाराष्ट्र (45,331) और राजस्थान (45,058) का स्थान है.
NCRB रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में से 31.4% मामले घरेलू हिंसा के हैं. इन मामलों में पति या किसी नजदीकी रिश्तेदार का नाम शामिल है. इसके अलावा इस साल महिलाओं के अपहरण और अपहरण के 19.2% मामले सामने आए. यौन उत्पीड़न करने के इरादे से हमला करने के 18.7% मामले सामने आए.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की संख्या बढ़ी है. प्रति लाख बच्चों की आबादी पर दर्ज अपराधों की दर 36.6 है. यह 2021 की तुलना में 3 प्रतिशत अधिक है.
भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध एक गंभीर समस्या है. इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार और समाज को मिलकर काम करना होगा.