BJP President: बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर संशय अब भी बरकरार है. लोकसभा चुनाव के पहले से ही राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश की जा रही है. हालांकि अभी तक किसी नाम को लेकर सहमति नहीं बन पाई. माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी और संघ किसी भी नाम को लेकर एकमत नहीं हो पा रहे हैं. जिसकी वजह से नाम फाइनल होने में और ज्यादा समय लग रहा है.
पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल का समय जनवरी 2023 में ही पूरा हो गया था. हालांकि लोकसभा चुनाव की वजह से उनके कार्यकाल को जून तक विस्तार दिया गया था. जिससे बाद उम्मीद थी की पार्टी जल्द ही अपना नए अध्यक्ष लाएगी, हालांकि यह अब तक संभव नहीं हो पाया है.
लोगों का मानना है कि पार्टी अगर अपना नया अध्यक्ष चुन लेती तो तो उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाता. जिससे की यह संदेश जा सके की अब पार्टी की कमान उसी के साथ में जाने वाली है. जैसा की लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भी किया गया था. गृहमंत्री अमित शाह ने जेपी नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर यह संदेश दिया था कि अब पार्टी की कमान उनके हाथों में जाने वाली है. बाद में पार्टी के संगठनात्मक चुनाव पूरे होने के बाद आधिकारिक रुप से जेपी नड्डा को भी पार्टी की कमान सौंपा गया था. लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है.
इस बार कहा जा रहा है कि बीजेपी और संघ दोनों अलग-अलग तरह के लोगों को इस पद पर बैठानी की इच्छा कर रहे हैं. संघ का मानना है कि जिसे नया अध्यक्ष बनाया जाए वो पार्टी को मजबूती देने वाला इंसान हो, इससे राजनीतिक संदेश देने की जरुरत नहीं है. वहीं बीजेपी संगठन को मजबूत करने वाले और उसे संभालने वाले इंसान को अध्यक्ष पद देना चाहती है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद पार्टी अपने पचास प्रतिशत राष्ट्रीय महासचिवों को भी बदल सकती है. उनके जगहों पर नए अध्यक्ष की युवा टीम को मौका मिल सकता है. हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नाम फाइनल करने के लिए राज्यों में संगठनात्मक चुनाव जरूरी है. पार्टी के नियम के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव तभी हो सकता है जब 19 राज्यों में निर्वाचन पूरी हो. इस बात को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने राज्यों के पार्टी अध्यक्ष चुनने के लिए अधिकारियों के नाम की घोषणा कर दी है.
महाराष्ट्र की कमान किरण रिजिजू, उत्तराखंड की जिम्मेदारी हर्ष मल्होत्रा और पश्चिम बंगाल में रवि शंकर को चुनाव अधिकारी बनाया गया है. इसके अलााव यह भी माना जा रहा है कि 4 से 6 जुलाई तक दिल्ली में बैठक होनी है. इस बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत समेत कई अधिकारी मौजूद रहने वाले हैं. इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर चर्चा संभव है. वहीं राज्यों में अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव के लिए भी चर्चा तेज हो गई है.