Gaza Ceasefire Talks Cancelled: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच चल रही युद्धविराम वार्ता को बीच में ही रोकने का फैसला किया है. उनके विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने 24 जुलाई 2025 को घोषणा की कि अमेरिका कतर के दोहा में हो रही वार्ता से अपने प्रतिनिधिमंडल को वापस बुला रहा है. इस फैसले ने गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाइयों के जारी रहने की आशंका को बढ़ा दिया है और बंधकों की रिहाई की उम्मीदों पर गहरा संकट मंडरा रहा है.
स्टीव विटकॉफ ने हमास पर वार्ता में असहयोग का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'हमास की प्रतिक्रिया चरमपंथी संगठन में युद्धविराम समझौते की इच्छा की कमी को दर्शाती है. मध्यस्थों ने बहुत प्रयास किए, लेकिन हमास ने समन्वय या अच्छी नीयत नहीं दिखाई.' विटकॉफ ने हमास को 'स्वार्थी' करार देते हुए कहा कि अमेरिका अब बंधकों की रिहाई के लिए वैकल्पिक रास्ते तलाशेगा और गाजा में स्थिरता लाने की कोशिश करेगा. इस बयान को अमेरिका के इजरायल के लिए समर्थन के रूप में देखा जा रहा है, खासकर जब इजरायल ने गाजा में जमीनी अभियान तेज कर दिए हैं.
वार्ता के रुकने से इजरायली बंधकों की रिहाई की संभावनाएं धूमिल हो गई हैं. उम्मीद थी कि कतर में चल रही वार्ता के बाद हमास शेष जीवित बंधकों को रिहा करेगा. इजरायल का अनुमान है कि गाजा में अभी भी 50 बंधक हैं, जिनमें से 20 को बंधक बनाकर रखा गया है. दूसरी ओर, हमास ने 60 दिन के युद्धविराम और 10 जीवित बंधकों के बदले 200 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की मांग की थी. वार्ता रुकने से यह प्रक्रिया ठप हो गई है, और बंधकों के परिवारों की उम्मीदें टूट रही हैं. तेल अवीव में हुए प्रदर्शनों में लोगों ने ट्रंप से बंधकों की रिहाई के लिए मदद की गुहार लगाई.
इजरायल ने भी अपनी वार्ता टीम को दोहा से वापस बुला लिया है, यह कहते हुए कि हमास ने मध्यस्थों के प्रस्ताव को ठुकरा दिया. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास की मांगों, जैसे गाजा से पूर्ण सैन्य वापसी और स्थायी युद्धविराम, को अस्वीकार कर दिया है. इजरायली मीडिया के अनुसार, नेतन्याहू का मानना है कि ये मांगें हमास को फिर से हथियार जुटाने का मौका देंगी. दूसरी ओर, हमास ने कहा कि वह मध्यस्थों के प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है, लेकिन उसकी प्रमुख मांगें—स्थायी युद्धविराम और इजरायली सेना की वापसी—अनुत्तरित हैं.
गाजा में युद्ध ने भयावह रूप ले लिया है. 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले में 1,200 लोग मारे गए और 251 बंधक बनाए गए. इजरायली हमलों में अब तक 50,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें बच्चे और महिलाएँ शामिल हैं. मानवीय सहायता की कमी ने गाजा में भुखमरी का संकट पैदा कर दिया है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र में शांति और मानवीय सहायता की वकालत की, यह कहते हुए कि 'कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है.'