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विदेश कैसे भाग गए विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी? कोर्ट ने गिनाई सरकार की गलतियां

Court On ED: मुंबई की विशेष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में व्योमेश शाह की याचिका पर सुनवाई की. इसमें व्योमेश ने विदेश जाने की इजाजत मांगी है. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपियों के विदेश भाग जाने के मामले में जांच एजेंसियों के खिलाफ बड़ी टिप्पणी की है.

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Edited By: India Daily Live
Vijay Mallya, Nirav Modi and Mehul Choksi
Courtesy: IDL

Court On ED: देश में मनी लांड्रिंग के मामलों में फरार आरोपियों के नाम की चर्चा और मामले में एजेंसियों की भूमिका को लेकर चर्चा होती रहती है. इस बीच विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी का नाम एक बार फिर चर्चा में आ रहा है. ऐसा इसलिए की इनके नाम लेते हुए मुंबई की कोर्ट ने जांच एजेंसियों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं और कमेंट किया है. कोर्ट ने व्योमेश शाह की विदेश जाने की इजाजत संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए कमेंट किया है.

मुंबई अदालत ने कहा कि भगोड़े व्यवसायी नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी देश से इसलिए भाग गए. क्योंकि जांच एजेंसियां ​​उन्हें समय पर गिरफ्तार करने में विफल रहीं. कोर्ट का अब ये कमेंट काफी चर्चा में है.

इस मामले की हो रही थी सुनवाई

30 मई को जज एमजी देशपांडे की अदालत में व्योमेश शाह की उस याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें उसने काम के लिए विदेश जाने के लिए उनकी जमानत शर्तों में ढील देने की मांग की गई थी. उसकी इस याचिका का विरोध अदालत में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने किया. उसने कहा कि इनको ढील देने से भगोड़े कारोबारियों के मामले फिर से सामने आ सकते हैं.

ED की आपत्ति के बाद कोर्ट ने कहा कि एजेंसियों द्वारा शीघ्र कार्रवाई न करने के कारण इन व्यापारियों को भागने का मौका मिल गया. मैंने इस तर्क की गंभीरता से जांच की और यह नोट करना आवश्यक समझा कि ये सभी लोग संबंधित जांच एजेंसियों की विफलता के कारण भाग गए, क्योंकि उन्होंने उचित समय पर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया.

कहां है 3 फरार व्यापारी

नीरव मोदी और विजय माल्या ब्रिटेन में हैं और उन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित कर दिया गया है. वहीं मेहुल चोकसी डोमिनिका में है और ईडी उसे एफईओ घोषित करने की कोशिश में लगी है.

2022 से जमानत में हैं व्योमेश

बता दें 2022 के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी व्योमेश शाह को जमानत मिल गई थी. हालांकि, अदालत ने उसके विदेश जाने पर पाबंदी लगाई थी. अब वो इसी रोक में ढील के लिए व्योमेश कोर्ट पहुंचा है. उसने तर्क दिया है कि काम के लिए लगातार यात्रा जरूरी है. न्यायाधीश ने शर्त में ढील देने पर सहमति जताई है. हालांकि, उन्हें हर बार अपनी यात्रा से पहले ईडी को सूचित करना होगा.