अमेरिका के फ्लोरिडा में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के विवादित बयान ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नया तनाव पैदा कर दिया है. मुनीर ने कथित तौर पर कहा कि अगर पाकिस्तान को भविष्य में भारत के साथ युद्ध में अस्तित्व पर खतरा महसूस हुआ, तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर “आधी दुनिया” को भी साथ ले डूबेगा. इस पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर और विदेश मंत्रालय दोनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार को बताया कि जनरल मुनीर के इस बयान पर संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति में चर्चा हुई. उन्होंने कहा 'हमारी चिंता इस बात को लेकर थी कि एक फ्रेंडली कंट्री की जमीन का इस्तेमाल इस तरह की धमकी भरी भाषा के लिए किया गया.' थरूर ने कहा कि पाकिस्तान अक्सर इस तरह की परमाणु धमकी देता है लेकिन विदेश मंत्रालय ने इसे पहले ही खारिज कर दिया है और समिति भी उसी राय से सहमत है. उनके मुताबिक, “न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत पर काम नहीं करेगा और इस पर कोई राजनीतिक दल असहमत नहीं है.”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फ्लोरिडा के टाम्पा में पाकिस्तानी प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए जनरल मुनीर ने कहा 'हम एक परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं. अगर हमें लगा कि हम खत्म होने जा रहे हैं, तो आधी दुनिया को भी साथ ले डूबेंगे.' उन्होंने भारत के खिलाफ यह भी चेतावनी दी कि अगर नई दिल्ली द्वारा सिंधु नदी पर कोई बांध बनाया गया तो पाकिस्तान 10 मिसाइलें दागकर उसे नष्ट कर देगा. मुनीर ने कहा 'सिंधु नदी भारतीयों की पैतृक संपत्ति नहीं है. हमें मिसाइलों की कोई कमी नहीं है, अल्हम्दुलिल्लाह.' यह बयान भारत द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले के संदर्भ में दिया गया.
भारत के विदेश मंत्रालय ने मुनीर के बयान को बेहद गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि इससे पाकिस्तान की परमाणु कमांड और नियंत्रण की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठते हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा- 'यह अफसोसजनक है कि इस तरह की धमकी एक फ्रेंडली कंट्री की जमीन से दी गई. अंतरराष्ट्रीय समुदाय खुद इस बयान से पाकिस्तान की नीयत और परमाणु हथियार नियंत्रण क्षमता के बारे में निष्कर्ष निकाल सकता है.'
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान सेना प्रमुख का यह बयान न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक परमाणु सुरक्षा के लिए भी चिंता का विषय है. एक ऐसे समय में जब दुनिया परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को रोकने पर जोर दे रही है, पाकिस्तान का यह रुख अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी छवि को और नुकसान पहुंचा सकता है. भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस तरह के डराने-धमकाने वाले प्रयासों से प्रभावित नहीं होगा और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं करेगा.