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महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में 3399 करोड़ रुपये की मल्टी-ट्रैकिंग रेलवे परियोजनाओं को मिली मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने कुल 3,399 करोड़ रुपये की लागत वाली इन परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Multi tracking railway projects worth Rs3399 crore approved CCEA in Maharashtra and Madhya Pradesh
Courtesy: Social Media

Multi tracking railway projects worth Rs 3399 crore approved By CCEA: भारत सरकार ने रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूती देने और यात्री तथा माल ढुलाई को गति देने के उद्देश्य से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में दो महत्त्वपूर्ण मल्टी-ट्रैकिंग रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने कुल 3,399 करोड़ रुपये की लागत वाली इन परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है.

इन परियोजनाओं में रतलाम-नागदा सेक्शन पर तीसरी और चौथी रेल लाइन तथा वर्धा-बल्लारशाह सेक्शन पर चौथी रेल लाइन का निर्माण शामिल है. इन परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के नेटवर्क में लगभग 176 किलोमीटर की वृद्धि होगी. यह विस्तार न केवल यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाएगा, बल्कि माल परिवहन में भी तेज़ी लाएगा.

पीएम गतिशक्ति योजना के तहत एकीकृत विकास

ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत लाई गई हैं, जिसका उद्देश्य मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है. सरकार के अनुसार, एकीकृत योजना के माध्यम से ये परियोजनाएं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. इस मल्टी-ट्रैकिंग योजना से लगभग 784 गांवों को लाभ होगा, जिनकी कुल जनसंख्या लगभग 19.74 लाख है.

पर्यावरण और आर्थिक लाभ

सरकार ने बताया कि इन रेलवे परियोजनाओं से हरित परिवहन को बढ़ावा मिलेगा. रेलवे की ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण-मित्रता को देखते हुए, यह परियोजना कार्बन उत्सर्जन में 99 करोड़ किलोग्राम की कमी लाएगी, जो लगभग 4 करोड़ पेड़ों के रोपण के बराबर है. साथ ही यह तेल आयात को भी 20 करोड़ लीटर तक कम कर सकेगी.

माल ढुलाई और लॉजिस्टिक्स में सुधार

इन रूट्स को देश के दो प्रमुख आर्थिक कॉरिडोर – दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-चेन्नई – से जोड़ा जाएगा, जिससे लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में भी व्यापक सुधार आएगा. यह मार्ग कोयला, सीमेंट, कंटेनर, कृषि उत्पादों, पेट्रोलियम आदि वस्तुओं के परिवहन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. अनुमानों के अनुसार, इस विस्तार से 18.40 मिलियन टन प्रति वर्ष की अतिरिक्त माल ढुलाई क्षमता उत्पन्न होगी.

रोजगार और सामाजिक प्रभाव

निर्माण चरण के दौरान लगभग 74 लाख मानव-दिनों का प्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होगा, जो स्थानीय जनसंख्या के लिए एक बड़ी राहत है. इन परियोजनाओं के पूरा होने से रेलवे की परिचालन दक्षता, समय की बचत और सेवा की विश्वसनीयता में भी वृद्धि होगी.