भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत, 8 दिसंबर 2021 को हुए Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर हादसे में हुई थी. अब, एक नई रिपोर्ट में सामने आया है कि यह हादसा इंसानी गलती के कारण हुआ था. भारतीय सेना की रिपोर्ट में यह बड़ा खुलासा हुआ है कि हेलिकॉप्टर क्रैश का कारण पायलट द्वारा मौसम की अप्रत्याशित स्थिति से उत्पन्न स्पैटियल डिस ओरिएंटेशन था, जिससे उसने विमान का नियंत्रण खो दिया.
Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर हादसा
यह दुर्घटना तमिलनाडु के कूनूर के पास हुई, जब Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर, जिसमें जनरल रावत और अन्य सैन्य अधिकारी सवार थे, सुलुर एयरफोर्स बेस से उड़ान भरने के बाद रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन जा रहा था. हेलिकॉप्टर का संपर्क अचानक खराब मौसम और बादलों से हुआ, जिसके कारण पायलट ने अपना नियंत्रण खो दिया. रिपोर्ट के अनुसार, पायलट की स्पैटियल डिस ओरिएंटेशन की समस्या ने उसे अचानक मौसम में बदलाव के कारण कंट्रोल में रखे विमान को दुर्घटनाग्रस्त कर दिया.
Air crashes numbers (yes reasons get published and yes IAF is transparent) pic.twitter.com/RblD7rpwce
— Alpha Defense™ (@alpha_defense) December 19, 2024
रिपोर्ट में "इंसानी गलती" को जिम्मेदार ठहराया गया
रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि इस हादसे के लिए मुख्य कारण "इंसानी गलती (एयरक्रू)" था. एयरक्रू का एक सदस्य, विशेष रूप से पायलट, दुर्घटना के लिए जिम्मेदार पाया गया. पायलट का मौसम के अचानक बदलाव का सही अनुमान न लगा पाना और बादलों के भीतर उड़ते वक्त स्पैटियल डिस ओरिएंटेशन की समस्या ने विमान को नियंत्रित करने में मुश्किलें पैदा कीं. इससे विमान नियंत्रण खो बैठा और यह दुर्घटना घटी.
रक्षा क्षेत्र में इंसानी गलती की भूमिका
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय वायुसेना में इस तरह की दुर्घटनाओं का मुख्य कारण एयरक्रू की इंसानी गलतियाँ रही हैं. थर्टीनथ डिफेंस प्लान (2017-2022) के दौरान 34 रिकॉर्डेड दुर्घटनाओं में से 16 में इंसानी गलती प्रमुख कारण बनी. इस रिपोर्ट में साफ तौर पर यह उजागर किया गया कि इंसानी गलतियाँ वायुसेना के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई हैं, और यह घटनाएं प्रशिक्षण और ऑपरेशनल प्रक्रियाओं को और बेहतर बनाने की आवश्यकता को दर्शाती हैं.
जनरल बिपिन रावत की मौत का प्रभाव
जनरल बिपिन रावत की असामयिक मृत्यु भारतीय सेना के लिए एक अपूरणीय क्षति थी. वह देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे और उनकी रणनीतिक नेतृत्व क्षमता ने भारतीय रक्षा बलों को नई दिशा दी थी. उनकी मृत्यु के बाद, देश ने अपने शीर्ष सैन्य अधिकारी को खो दिया, जिसका असर न केवल सेना पर पड़ा, बल्कि पूरे राष्ट्र पर भी गहरा प्रभाव डाला.