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Teacher recruitment scam: 'कोर्ट के फैसलों को प्रभावित कर रही है BJP', ममता बनर्जी ने हाईकोर्ट के फैसले को बताया गैरकानूनी

Teacher Recruitment Scam: शिक्षक भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल की सरकार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को बड़ा झटका देते हुए सभी भर्तियों को रद्द करने का फैसला सुनाया है. इस फैसले के आने के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.

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Mamata Banerjee

Teacher Recruitment Scam: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को 2016 की भर्ती परीक्षा के माध्यम से की गई शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को "गैरकानूनी" बताया और आरोप लगाया कि बीजेपी नेता न्यायपालिका और उसके डिसिजन्स को प्रभावित कर रहे हैं. 

इससे पहले सोमवार को ही हाई कोर्ट ने 2016 की भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से प्रायोजित और सहायता प्राप्त माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के चयन में सभी नियुक्तियों को 'नल एंड वाएड' घोषित किया था.

ममता ने हाईकोर्ट के फैसले पर उठाए सवाल

कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले में घोटाले के आरोपों को सही करार देते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया में गलत तरीके का इस्तेमाल हुआ है इसके चलते सभी भर्तियों को न सिर्फ रद्द किया जाता है बल्कि पश्चिम बंगाल के स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) को 15 दिन के अंदर नई भर्तियां करने का आदेश भी दिया जाता है.

ममता बनर्जी ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हम उन लोगों के साथ खड़े रहेंगे जिन्होंने नौकरियां खो दीं. हमारी सरकार हाई कोर्ट के इस फैसले को सु्प्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. कलकत्ता हाई कोर्ट ने जिस तरह का फैसला सुनाया है उससे साफ लग रहा है कि बीजेपी नेता न्यायपालिका को इनफ्लूएंस कर रहे हैं और मनमाने फैसले दिलवा रहे हैं.'

6 महीने के अंदर वापस करने होगी सैलरी

उल्लेखनीय है कि राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) के माध्यम से कक्षा 9, 10, 11 और 12 के शिक्षकों और समूह-सी और डी कर्मचारियों की श्रेणियों में एसएससी ने जो भी भर्तियां की थी उसमें अनियमितताएं पाई गईं थी, जिस पर फैसला सुनाते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने न सिर्फ भर्ती रद्द करने का आदेश दिया बल्कि ये भी कहा कि जिन लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया गया था, उन्हें छह हफ्ते के भीतर अपना वेतन वापस करना होगा.

अदालत ने 2016 की भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों के चयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित याचिकाओं और अपीलों पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा गठित खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी. मामले में सुनवाई 20 मार्च को पूरी हो गई थी और खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद खुली थी पोल

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) शिक्षक भर्ती घोटाले का मामला तब सामने आया है जब टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया गया था. जब उनकी गिरफ्तारी हुई थी तब वो ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्यरत थे.

इससे पहले 16 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम ने कोलकाता में पार्थ चटर्जी के करीबियों पर छापेमारी की थी. पूर्व शिक्षा मंत्री की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के कोलकाता आवास से 21 करोड़ रुपये नकद और 1 करोड़ रुपये से अधिक के गहने बरामद होने के बाद चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था. चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती घोटाले की जांच का सामना कर रहे हैं.

अभिजीत गंगोपाध्याय ने ममता से मांगा इस्तीफा

भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने फैसले के बाद ममता बनर्जी के "तत्काल इस्तीफे" की मांग की. उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) की भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से की गई सभी नियुक्तियों को रद्द करने के आदेश को "बिल्कुल सही" बताया.

गंगोपाध्याय, जिनकी एकल पीठ ने पहले भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच का आदेश दिया था, ने जोर देकर कहा कि घोटाले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार "राज्य प्रशासन में धोखेबाजों के पूरे समूह" को "फांसी दी जानी चाहिए".