Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) समेत सभी पार्टियां जोड़ तोड़ में लगी हैं. भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए ने बिहार नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी के साथ गठबंधन किया.
भाजपा के इस कदम से कांग्रेस पहले ही टेंशन में थी कि अब उनकी परेशान और ज्यादा बढ़ने वाली है. इसका कारण असदुद्दीन ओवैसी हैं. INDIA गठबंधन से अलग ओवैसी की पार्टी उत्तर प्रदेश और बिहार में काफी संख्या में अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, एआईएमआईएम यूपी में 20 और बिहार में करीब 7 सीटों पर चुनाव लड़ने की प्लानिंग में है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने बिहार में सिर्फ एक सीट पर चुनाव लड़ा था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि AIMIM महाराष्ट्र में भी चुनावी मैदान में उतरेगी. चर्चा है कि यहां एआईएमआईएम मुंबई और मराठवाड़ा सीट से अपनी टाल ठोकेगी. उधर तेलंगाना में हैदराबाद के अलावा सिकंदराबाद से भी चुनाव लड़ सकती है. हालांकि ओवैसी के टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने की अभी तक कोई संभावना नजर नहीं आई है.
ओवैसी मीडिया को बताया है कि हम निश्चित रूप से हैदराबाद (तेलंगाना), औरंगाबाद (महाराष्ट्र) और किशनगंज (बिहार) में लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की बिहार यूनिट ज्यादा सीटों पर लड़ना चाहती है. उत्तर प्रदेश में भी ऐसी ही मांग की जा रही है. महाराष्ट्र के मुंबई और मराठवाड़ा से लड़ने की पूरी प्लानिंग है. ओवैसी ने कहा है कि हम जल्द ही तय करेंगे कि कितनी सीटों पर लड़ने जा रहे हैं.
एआईएमआईएम के पास फिलहाल में लोकसभा में दो सीटें हैं. हैदराबाद से खुद ओवैसी और औरंगाबाद से इम्तियाज जलील एआईएमआईएम के सांसद हैं. साल 2019 में बिहार के किशनगंज से एआईएमआईएम उम्मीदवार अख्तर-उल-ईमान को करीब 3 लाख वोट मिले थे. वह कांग्रेस और जेडी (यू) उम्मीदवारों के बाद तीसरे स्थान पर रहे थे. बिहार की 40 सीटों में से किशनगंज एकमात्र सीट थी, जिसे 2019 में कांग्रेस-राजद गठबंधन ने जीता था.
अब एआईएमआईएम की योजनाएं विपक्ष के INDIA गठबंधन के लिए चिंता का कारण बन रही हैं, क्योंकि इनकी लोकसभा चुनाव रणनीति उत्तर भारत में अल्पसंख्यक वोटों पर काफी हद तक निर्भर करती है, जिसे वह मजबूत करने की उम्मीद में है. AIMIM ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था, लेकिन साल 2017 में राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों में उन्होंने 32 सीटें हासिल करके अच्छा प्रदर्शन किया था.
2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में एआईएमआईएम कोई सीट नहीं जीत पाई थी, लेकिन 10 से ज्यादा सीटों पर उन्हें जो वोट मिले थे, वे वहां सपा उम्मीदवारों की हार के अंतर से काफी ज्यादा थे. इसी तरह से एआईएमआईएम की मुंबई और मराठवाड़ा में एंट्री की कोशिश INDIA गठबंधन को परेशान कर रही है क्योंकि वहां करीब 12% आबादी मुस्लिम है.
इसी तरह बिहार में एआईएमआईएम ने सीमांचल क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया था, जहां मुस्लिम आबादी काफी संख्या में है. पिछले राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी ने पांच सीटें जीती थीं, हालांकि इसके चार विधायक बाद में राजद में शामिल हो गए, यही एक कारण है कि पार्टी राज्य में विपक्षी गठबंधन में शामिल होने से दूर रही है.