Kolkata News: देश के एक प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान के सेकेंड इयर के छात्र पर 24 वर्षीय महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है, जिसके बाद छात्र को गिरफ्तार कर लिया गया है. हालांकि, घटना के महज 12 घंटे बाद ही इस मामले में एक नाटकीय मोड़ आ गया, जब पीड़िता के पिता ने कुछ भी न होने का दावा किया और पुलिस पर उनकी बेटी से शिकायत दर्ज कराने का आरोप लगाया. यह मामला, जो पहले एक सीधा-सादा परिसर दुष्कर्म का लग रहा था, अब पूरी तरह से पलट गया है.
शुक्रवार देर शाम हरिदेवपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज होने के बाद, पुलिस ने कर्नाटक के बालिकोट निवासी परमानंद तोप्पन्नवार को आधी रात के बाद संस्थान के परिसर से गिरफ्तार कर लिया. उन्हें रात 12:15 बजे उनके कमरे से उठाया गया और शनिवार दोपहर अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
संस्थान ने इस मामले पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा, 'हम इस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रहे हैं और कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं, जो वर्तमान में जांच कर रहे हैं.'
पेशे से मनोवैज्ञानिक पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि वे दोनों ऑनलाइन जुड़े थे और तोप्पन्नवार ने उन्हें एक काउंसलिंग सेशन के लिए संस्थान परिसर में बुलाया था. शिकायत के अनुसार, पहला रेड फ्लैग तब आया जब वह सुबह 11:45 बजे परिसर में दाखिल हुईं, लेकिन उन्हें visitor लॉग में अपना नाम दर्ज करने की अनुमति नहीं दी गई. परिसर के अंदर जाने के बाद, तोप्पन्नवार उसे गोपनीयता का हवाला देते हुए पुरुषों के छात्रावास में अपने कमरे में ले गया. पीड़िता के अनुसार, वहीं उसे पिज्जा का एक टुकड़ा और एक ड्रिंक दिया गया, जिसे खत्म करते ही उसे चक्कर आने लगे.
शिकायत में आगे कहा गया है कि पीड़िता ने तोप्पन्नवार से वॉशरूम (जो उसके कमरे के ठीक बाहर था) जाने की बात कही क्योंकि उसे उल्टी जैसा महसूस हो रहा था, लेकिन उसे जाने नहीं दिया गया. तोप्पन्नवार ने दावा किया कि अगर अन्य छात्रों ने उसे किसी महिला के साथ देखा तो उसके लिए समस्या हो जाएगी.
पीड़िता ने अपनी शिकायत में लिखा, 'बातचीत के दौरान उसने अचानक मेरे बाल पकड़ लिए. मैंने बचाव में उसे थप्पड़ मारा लेकिन उसने मेरी गर्दन और हाथ पकड़ लिया. मुझे उसके बाद कुछ भी याद नहीं है मैं कहां थी या क्या कर रही थी लेकिन मुझे याद है कि उसने मुझे अनुचित तरीके से छुआ, मेरी कमर पकड़ी और मेरी पैंट नीचे खींची. उसने मेरा यौन उत्पीड़न किया. जब मुझे होश आया तो मैंने खुद को उसके बिस्तर पर पाया.'
वह किसी तरह खुद को संभाल कर परिसर से निकलने में कामयाब रही, जिसके बाद उसने एक दोस्त से संपर्क किया जिसने उसे तुरंत पुलिस को रिपोर्ट करने के लिए कहा. वह पहले ठाकुरपुकुर पुलिस स्टेशन गई, जहां से उसे हरिदेवपुर पुलिस स्टेशन भेजा गया और वहाँ शिकायत दर्ज की गई.
हालांकि, FIR दर्ज होने के महज 12 घंटे बाद ही इस पूरे मामले ने नया मोड़ ले लिया. पीड़िता के पिता ने कई टेलीविजन चैनलों को कैमरों से पीठ करके बताया कि उनकी बेटी को किसी ने प्रताड़ित नहीं किया था और उसे केवल एक ऑटोरिक्शा से गिरने के बाद कुछ चोटें आई थीं.
उन्होंने कहा, 'मेरी बेटी ने मुझे रात 9:40 बजे फोन किया और बताया कि उसे ऑटो से गिरने के बाद चोट लग गई है. हरिदेवपुर पुलिस ने उसे बचाया और एसएसकेएम अस्पताल ले गई. पुलिस ने मुझे बताया कि मेरी बेटी के साथ दुर्व्यवहार हुआ है और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन मेरी बेटी ने मुझे बताया कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था. पुलिस ने उसे मेडिकल जांच के दौरान कुछ बातें कहने के लिए कहा था जो उसने नहीं कही.'
उन्होंने आगे कहा, 'उसका गिरफ्तार व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है. मुझे नहीं पता कि हरिदेवपुर पुलिस को वह कहां मिली. मेरी बेटी ने कहा कि पुलिस ने उससे शिकायत लिखवाई.' उनके इस बयान में कई विरोधाभास थे.
अधिकारियों ने पहले बीएनएस की धारा 64 (दुष्कर्म) और 123 (किसी अन्य अपराध को करने के इरादे से जहर या अन्य हानिकारक पदार्थों के माध्यम से चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया, और फिर बीएनएस की धारा 127(2) (गलत तरीके से रोकना), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 76 (किसी महिला पर हमला या आपराधिक बल का उपयोग उसे नग्न करने के इरादे से) भी जोड़ीं.
शनिवार को कर्नाटक से कोलकाता पहुंची दुष्कर्म के आरोपी परमानंद महावीर तोप्पन्नवार की मां ने कहा, 'मेरा बेटा निर्दोष है. वह इतनी दूर पढ़ने आया है. वह कभी ऐसा गंदा काम नहीं करेगा.' उन्होंने कहा, 'हमें रात 11 बजे के आसपास उसके दोस्त का फोन आया. उसने हमें बताया कि मेरे बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे कारण नहीं पता था... हमें कोई जानकारी नहीं है कि हमारे बेटे को क्यों गिरफ्तार किया गया है... हम अपने बेटे से मिलना और उससे बात करना चाहते हैं... वह अपने कॉलेज के अंतिम वर्ष में था... हमें कोलकाता में कुछ भी नहीं पता – पुलिस स्टेशन कहां है या कोर्ट कहां है. हमें बस इतना पता है कि हमारा बेटा निर्दोष है.'