IIM Calcutta Rape Case: भारतीय प्रबंधन संस्थान कलकत्ता यानी आईआईएम-सी में एक महिला द्वारा बलात्कार का आरोप लगाए जाने के बाद पूरे मामले में नया मोड़ आ गया है. आरोपी छात्र की पहचान महावीर टोप्पन्नवर उर्फ परमानंद जैन के रूप में हुई है, जो संस्थान का द्वितीय वर्ष का छात्र है. शिकायत के अनुसार, महिला जब छात्रावास में आरोपी से मिलने और परामर्श सत्र में भाग लेने गई थी, तब उसे नशीला पदार्थ खिलाकर बलात्कार किया गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसने आरोपी द्वारा दिया गया पिज्जा और पानी खाया, जिसके बाद वह नींद में चली गई और जब होश आया तो खुद को असहाय स्थिति में पाया. प्राथमिक जांच में सामने आया कि महिला ने संस्थान की विजिटर बुक में प्रवेश दर्ज नहीं कराया था. पुलिस मामले की तह तक जाने के लिए जांच में जुटी है.
IIM Calcutta alleged rape case: The DC Southwest Division has formed a 9-member special investigation team for the investigation into the case: Kolkata police https://t.co/OSAdwJbRIU
— ANI (@ANI) July 13, 2025Also Read
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हालांकि, इस मामले ने तब नया मोड़ लिया जब पीड़िता के पिता ने बलात्कार की बात से इनकार कर दिया. उन्होंने मीडिया को बताया कि उनकी बेटी एक ऑटोरिक्शा से गिर गई थी और इसी कारण बेहोश हो गई थी. उनके अनुसार, उन्हें शुक्रवार रात को फोन आया कि उनकी बेटी को एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बलात्कार जैसी किसी बात की जानकारी नहीं है.
उधर, आरोपी की मां ने भी मीडिया से बात करते हुए अपने बेटे का समर्थन किया और कहा कि उसका बेटा ऐसा गंदा काम नहीं कर सकता. उन्होंने आरोपों को सिरे से खारिज किया और बेटे की बेगुनाही की बात कही.
संस्थान की ओर से शनिवार को आधिकारिक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि आईआईएम कलकत्ता ऐसी किसी भी घटना को कतई बर्दाश्त नहीं करता और वह परिसर में एक सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. संस्थान ने कहा कि वह कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रहा है.
इस पूरे मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आई है. केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि वह यह मामला आईआईएम-सी के निदेशक के समक्ष उठाएंगे. वहीं, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि इस संवेदनशील मामले का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए और पुलिस को स्वतंत्र रूप से जांच करने दी जानी चाहिए.