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India Daily

हिमाचल बाढ़ पर प्रतिक्रिया देने में लेटलतीफी कंगना रनौत को पड़ी भारी, कांग्रेस बोली- उन्हें लोगों की कोई चिंता नहीं

कंगना की इस देरी पर उनकी ही पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सवाल उठाया तो विपक्षी कांग्रेस को भी हमला करने का मौका मिल गया.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Kangana Ranauts delay in reacting to Himachal floods creates political uproar

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने और अचानक बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, लेकिन मंडी जिले से सांसद कंगना रनौत ने इस आपदा पर प्रतिक्रिया देने में देर कर दी. कंगना की इस देरी पर उनकी ही पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सवाल उठाया तो विपक्षी कांग्रेस को भी हमला करने का मौका मिल गया. कंगना की इस आपदा पर प्रतिक्रिया देने में लेट लतीफी पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है. 

क्या बोले थे जयराम ठाकुर

दरअसल, मंडी आपदा पर कंगना रनौत की देरी से आई प्रतिक्रिया पर जयराम ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था, "मैं उन लोगों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता जो परवाह नहीं करते. मैं नहीं जानता और न ही इस पर टिप्पणी करना चाहता हूं. हम यहां उन लोगों के लिए जीते और मरते हैं जो परवाह करते हैं."

कंगना ने दी सफाई

जयराम ठाकुर की टिप्पणी के बाद कंगना ने अपने एक्स हैंडल पर सफाई दी. उन्होंने लिखा, "हिमाचल में हर साल बाढ़ की भारी तबाही देखकर दिल टूट जाता है. मैंने मंडी के सेराज और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचने की कोशिश की, लेकिन श्री @jairamthakurbjp जी ने सलाह दी कि जब तक प्रभावित क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बहाल नहीं हो जाती, तब तक इंतज़ार करूं." उन्होंने आश्वासन दिया, "मैं जल्द से जल्द वहां पहुंचूंगी."

कांग्रेस का पलटवार

कांग्रेस ने जयराम ठाकुर के बयान को हथियार बनाते हुए एक्स पर लिखा, "'सांसद कंगना रनौत को मंडी के लोगों की कोई चिंता नहीं' - यह हम नहीं, हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कह रहे हैं." मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी तंज कसते हुए कहा, "वह तुरंत जयराम ठाकुर जी से बात करें." उन्होंने जयराम पर निशाना साधते हुए कहा, "मंडी में प्रेस को संबोधित करने के बजाय, उन्हें सेराज में लोगों की मदद करनी चाहिए थी. यह एक जनप्रतिनिधि का कर्तव्य है."

मंडी में 37 लोगों की मौत

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, मॉनसून शुरू होने के बाद से मंडी में 17 सहित कुल 37 लोगों की मौत हुई है और 400 करोड़ रुपए की संपत्ति क्षतिग्रस्त हुई है. 280 सड़कें बंद हैं, जिनमें 156 मंडी में हैं. मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों के लिए 5,000 मासिक किराए की सहायता सहित कई राहत उपायों की घोषणा की और कहा, "पिछले 14-15 दिनों में 14 बादल फटने की घटनाएं हुई हैं. हम इसका अध्ययन कर रहे हैं."