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India Daily

अमरनाथ यात्रा शुरू होने के दिन किश्तवाड़ में आतंकियों और सुरक्षाबलों में मुठभेड़, जैश के हो सकते हैं आतंकी

शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद संगठन के दो से तीन आतंकवादी फंसे हुए हैं. बताया जा रहा है कि, यह ऑपरेशन भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जा रहा है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Encounter breaks out in Kishtwar district of Jammu and Kashmir
Courtesy: Social Media

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चटरू इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है. यह मुठभेड़ अमरनाथ यात्रा शुरू होने के दिन हुई है. शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद संगठन के दो से तीन आतंकवादियों के फंसे होने की आशंका है. बता दें कि, यह अभियान भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, श्री अमरनाथ यात्रा तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को बुधवार (2 जुलाई) को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर वार्षिक तीर्थयात्रा का औपचारिक शुभारंभ किया. वहीं. 3 जुलाई को आधिकारिक रूप से यात्रा शुरू होने की तैयारी के लिए जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, साथ ही तीर्थयात्री बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से यात्रा करेंगे.

सुरक्षा बलों की तत्परता

सुरक्षाबलों ने क्षेत्र में आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखने और यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं. मुठभेड़ के बीच अतिरिक्त बलों की तैनाती से यह स्पष्ट है कि सुरक्षाबल आतंकियों को पकड़ने या खत्म करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

जम्मू-श्रीनगर NH पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई

बीते 3 जुलाई को आधिकारिक रूप से यात्रा शुरू होने की तैयारी के लिए जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, और तीर्थयात्री बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से यात्रा करेंगे. बीते 9 अप्रैल को, आतंकवादी गतिविधि की खुफिया रिपोर्ट के बाद छत्रू वन क्षेत्र में मुठभेड़ शुरू हुई.अगले कुछ दिनों में, जैश के तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया और AK और M4 राइफलों सहित हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया गया. बाद में 22 मई को भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा चटरू के सिंहपोरा इलाके में एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया.

इस अभियान के दौरान भीषण गोलीबारी हुई, जिसके परिणामस्वरूप एक सैनिक की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए. जिन इलाकों में पिछली गोलीबारी हुई थी, वे घने जंगल वाले थे.