Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद-रोधी अभियानों ने इस समय सुरक्षा बलों को लगातार मोर्चे पर खड़ा कर दिया है. रविवार, 10 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के दूल इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ छिड़ गई. विशेष खुफिया इनपुट के आधार पर शुरू किए गए तलाशी अभियान के दौरान छिपे हुए आतंकवादियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में मुठभेड़ शुरू हो गई. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, इलाके में 2 से 3 आतंकी फंसे हुए हैं और ऑपरेशन अभी जारी है.
किश्तवाड़ की इस मुठभेड़ के बीच, जम्मू-कश्मीर का कुलगाम ज़िला इस समय घाटी के सबसे लंबे आतंकवाद-रोधी अभियानों में से एक का गवाह बन रहा है. एक अगस्त से जारी ऑपरेशन अब 10वें दिन में प्रवेश कर चुका है. इस दौरान दो आतंकियों को मार गिराया गया, लेकिन दो बहादुर सैनिकों ने भी देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. सेना ने शहीद लेफ्टिनेंट कमांडर प्रितपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह को श्रद्धांजलि दी है और अभियान को अंजाम तक पहुंचाने के लिए चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है.
रविवार सुबह सेना की व्हाइट नाइट कोर ने दूल इलाके में छिपे आतंकियों से संपर्क स्थापित किया. सुरक्षा बलों की मौजूदगी देखते ही आतंकियों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. सेना और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने इलाके को घेरकर तलाशी अभियान तेज कर दिया है. व्हाइट नाइट कोर ने X पर एक पोस्ट में कहा, एक खुफिया जानकारी पर आधारित अभियान के दौरान सतर्क भारतीय सेना के जवानों ने 10 अगस्त 2025 की सुबह किश्तवाड़ के दुल इलाके में आतंकवादियों से संपर्क स्थापित किया है.' आतंकवादियों की मौजूदगी की पुष्टि करते हुए आगे कहा गया, 'गोलीबारी हुई. अभियान जारी है.
#WhiteKnightCorps
— White Knight Corps (@Whiteknight_IA) August 10, 2025
Contact with #Terrorists
Alert Indian Army troops while carrying out an intelligence based operation have established contact with terrorists in general area of Dul in Kishtwar in early hours of 10 Aug 2025. Gunfire exchanged. Operation under progress.@adgpi… pic.twitter.com/KOUpa208MN
एक अगस्त से शुरू हुआ कुलगाम का ऑपरेशन अब 10वें दिन में है. यह घाटी में सबसे लंबे चलने वाले अभियानों में शामिल हो गया है. अब तक दो आतंकियों को ढेर किया जा चुका है, जबकि रातभर चली मुठभेड़ में घायल हुए दो सैनिक शनिवार को शहीद हो गए.
जंगल क्षेत्रों में छिपे आतंकियों का पता लगाने के लिए सेना ने ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का सहारा लिया है. पैरा कमांडो भी अभियान में सक्रिय रूप से शामिल हैं ताकि आतंकियों को भागने का कोई मौका न मिले.
सेना की चिनार कोर ने शहीद सैनिकों के बलिदान को सलाम करते हुए कहा कि उनका साहस आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा. सेना और पुलिस दोनों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक आखिरी आतंकी को खत्म नहीं कर दिया जाता.