नई दिल्ली: भारत आज एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है. 14 जुलाई को इसरो द्वारा लॉन्च चंद्रयान-3 आज शाम चांद की सतह पर लैंड करने के लिए तैयार. इस मिशन की सफलता के बाद भारत एक नया इतिहास रचने वाला है. कई देश आज चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग को लेकर भारत की ओर देख रहे हैं. आइए जानते हैं भारत ने अपने मून मिशन की शुरुआत कब की थी और इस मिशन में अब तक क्या-क्या हुआ.
2008 में लॉन्च हुआ था चंद्रयान-1
भारत की ओर से इसरो ने साल 2008 में मून मिशन की शुरुआत करते हुए चंद्रयान-1 को लॉन्च किया था. चंद्रयान-1 में सिर्फ ऑर्बिटर था जिसने 312 दिनों तक चांद का चक्कर लगाया था. इस दौरान चांद पर पानी की मौजूदगी के सबूत मिले थे.
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2019 में लॉन्च हुआ था चंद्रयान-2
चंद्रयान-2 के बाद इसरो ने साल 2019 में चंद्रयान-2 को लॉन्च किया था. चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर के साथ-साथ लैंडर और रोवर भी भेजे गए थे. इस दौरान चांद की सतह पर लैंड करने से पहले विक्रम लैंडर टकरा गया था जिसके बाद चंद्रयान-2 क्रैश हो गया था.
14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 लॉन्च
इसरो ने 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 लॉन्च किया था. लॉन्चिंग के बाद तय समय पर आज शाम इसे चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी है. चंद्रयान-2 की गलतियों से सीखते हुए चंद्रयान-3 में इसरो की तरफ से इस बार कई अहम बदलाव किए गए हैं. भारत के इस मिशन के कामयाब होने के बाद अंतरिक्ष विज्ञान में भारत एक नया रिकॉर्ड बनाएगा.
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