16 जुलाई 2025 की शाम, अमरनाथ यात्रा एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गई, जब जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के चलते ज़ेड मोड़ क्षेत्र में भूस्खलन हो गया. इस आपदा में सैकड़ों श्रद्धालु फंस गए. ऐसे कठिन समय में भारतीय सेना एक बार फिर मदद के लिए सबसे पहले पहुंची और त्वरित राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया.
शाम लगभग 7:15 बजे, ज़ेड मोड़ और ब्रारिमार्ग के बीच भारी बारिश के चलते एक बड़ा भूस्खलन हुआ, जिससे अमरनाथ यात्रा को रोकना पड़ा. इस क्षेत्र में करीब 500 यात्रियों को सेना ने तंबुओं में आश्रय दिया और उन्हें चाय व पीने का पानी उपलब्ध कराया. इसके अलावा, लगभग 3000 यात्रियों को ब्रारिमार्ग और ज़ेड मोड़ के बीच स्थित लंगरों में सुरक्षित ठहराया गया, जहां उन्हें भोजन और अन्य आवश्यक चीज़ें मुहैया कराई गईं.
इस कठिन समय में एक बीमार यात्री की जान बचाने के लिए सेना की क्विक रिएक्शन टीमों (QRTs) ने जान जोखिम में डालकर स्ट्रेचर के सहारे मैन्युअल इवैक्यूएशन किया. यह मरीज दो भूस्खलन-प्रवण इलाकों के बीच फंसा था. खराब मौसम के बीच सेना के जवानों ने मरीज को रायलपथरी तक पहुंचाया, जहां से एंबुलेंस के जरिए उसे मेडिकल सहायता के लिए भेजा गया.
ब्रारिमार्ग कैंप डायरेक्टर और सेना के कंपनी कमांडर ने हालातों का जायज़ा लेकर स्थिति को नियंत्रण में बताया है. इलाके में अब भी हल्की बारिश जारी है, लेकिन सेना पूरी तरह अलर्ट पर है. अमरनाथ यात्रा से जुड़े सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगातार निगरानी और सहायता जारी है. हर पल सेना के जवान श्रद्धालुओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.