राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार लोगों को मनोनीत किया है. इनमें उज्जवल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला, मीनाक्षी जैन और सदानंदन मास्टर का नाम शामिल है.
गृह मंत्रालय ने इस संबंध में शनिवार, 12 जुलाई 2025 को आधिकारिक अधिसूचना जारी की. यह मनोनयन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत किया गया है, जो राष्ट्रपति को साहित्य, विज्ञान, कला, और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाली हस्तियों को राज्यसभा में नामित करने का अधिकार देता है.
The President of India has nominated Ujjwal Deorao Nikam, a renowned public prosecutor known for handling high-profile criminal cases; C. Sadanandan Maste, a veteran social worker and educationist from Kerala; Harsh Vardhan Shringla, former Foreign Secretary of India; and… pic.twitter.com/eN6ga5CsPw
— ANI (@ANI) July 13, 2025
हर्षवर्धन श्रृंगला: एक अनुभवी राजनयिक
इन चार हस्तियों में से हर्षवर्धन श्रृंगला का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है. 1984 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी रहे श्रृंगला ने अपने 35 वर्षों के शानदार करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है. उन्होंने नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के मुख्यालय के साथ-साथ विदेशों में भी कई अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं. वह भारत के विदेश सचिव के रूप में 2019 से 2021 तक सेवा दे चुके हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, और संयुक्त राष्ट्र जैसे महत्वपूर्ण स्थानों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. उनकी राजनयिक उपलब्धियों ने भारत की वैश्विक छवि को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
उज्ज्वल देवराव निकम: कानून के क्षेत्र में एक बड़ा नाम
उज्ज्वल देवराव निकम एक प्रख्यात वकील हैं, जिन्हें भारत के आपराधिक न्याय क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जाना जाता है. वह कई हाई-प्रोफाइल मामलों में विशेष लोक अभियोजक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उनकी कानूनी विशेषज्ञता और निष्पक्षता ने उन्हें देश भर में सम्मान दिलाया है.
सी. सदानंदन मस्ते: सामाजिक कार्य और शिक्षा के प्रणेता
केरल के सी. सदानंदन मस्ते एक वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् हैं, जिन्होंने सामाजिक उत्थान और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. विशेष रूप से, उन्होंने सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लिए कार्य किया है और केरल में साम्यवादी हिंसा से प्रभावित लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई है. मस्ते का मनोनयन सामाजिक कार्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को सम्मानित करता है और यह दर्शाता है कि सरकार समाज के कमजोर वर्गों की आवाज को संसद में स्थान देना चाहती है.
मीनाक्षी जैन: इतिहास की गहरी समझ वाली विदुषी
प्रख्यात इतिहासकार और शिक्षाविद् मीनाक्षी जैन भारतीय इतिहास और संस्कृति के क्षेत्र में अपनी गहन शोध और लेखन के लिए जानी जाती हैं. उनकी पुस्तकें और शोध पत्र भारतीय सभ्यता, धर्म, और इतिहास के विभिन्न पहलुओं को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करते हैं. उनके कार्यों ने न केवल अकादमिक जगत में बल्कि सामान्य पाठकों के बीच भी व्यापक सराहना प्राप्त की है.