Vimal Negi: HPPCL इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च को अचानक गायब हो गए थे. जिसके बाद उनके शव को 18 मार्च को पाया गया था. जिसके बाद उनकी पत्नी ने कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ऑफिस का टॉक्सिक कल्चर है. उनकी पत्नी ने सीबीआई जांच की मांग की थी, जिसे राज्य सरकार द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था. लेकिन इस मामले की जिम्मेदारी इन्वेस्टिगेटिव कमेटी को सौंपी गई.
अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) ओंकार शर्मा की तथ्य-खोजी समिति ने नेगी की मौत की परिस्थितियों की जांच की. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में 20 मई को पेश की गई उनकी रिपोर्ट में कई गंभीर तथ्य सामने आए है. जांच में पाया गया कि तत्कालीन निदेशक (विद्युत) देश राज ने नेगी को धमकी भरे संदेश भेजे थे. एक संदेश में देश राज ने लिखा था कि आप समस्या में आ जाओगे. जिसमें पेखुबेला सौर ऊर्जा परियोजना की देरी को 45 दिन से घटाकर 23 दिन करने का दबाव बनाया गया.
एडिशनल चीफ सेक्रेटरी द्वारा हाई कोर्ट को सौंपे गए रिपोर्ट में कहा गया कि न्यू शिमला के एचपीपीसीएल कॉर्पोरेट कार्यालय में कर्मचारियों, खासकर महिलाओं के लिए कार्यस्थल का माहौल टॉक्सिक था. गवाहों ने बताया कि देश राज ने नेगी के साथ अपमानजनक और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता था. साथ ही यह भी पता चला कि कर्मचारियों ने शत्रुतापूर्ण माहौल की शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
जांच में यह भी सामने आया कि नेगी को आकस्मिक अवकाश के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जो असहयोगी रवैये को दर्शाता है. रिपोर्ट के अनुसार, देश राज और तत्कालीन एमडी हरिकेश मीना ने नेगी के साथ अनुचित व्यवहार किया. मनीष चौधरी, डीजीएम (इलेक्ट्रिकल) ने गवाही दी कि पेखुबेला प्रोजेक्ट की समय विस्तार समिति की बैठक में देश राज ने नेगी और उन्हें देरी को कम करने के लिए धमकाया था. जांच में यह भी पता चला कि देश राज नेगी को अपने कार्यालय से पांचवीं मंजिल पर बुलाकर घंटों खड़ा रखते थे, उन्हें बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं देते थे.
जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि महिला कर्मचारी रात 9 बजे के बाद तक कार्यालय में रहती थीं. बायोमेट्रिक रिकॉर्ड ने इसकी पुष्टि की. कार्यालय के कर्मचारियों ने परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी की शिकायत की. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने अब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने शर्मा से आरोपों की गहन जांच करने को कहा था. हालांकि, शर्मा ने दोबारा पूछताछ से इनकार किया और सीधे अदालत को रिपोर्ट सौंपी.