Illegal arms trafficking: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मिजोरम में अवैध हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटकों की तस्करी के एक बड़े मामले में तीन और आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है. मंगलवार को अधिकारियों ने बताया कि इन आरोपियों की पहचान वनलालदैलोवा, लालमुआनपुइया और लालरिंचुंगा उर्फ अल्बर्ट के रूप में हुई है, जो मिजोरम के निवासी हैं.
एनआईए ने इनके घरों से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री जब्त करने के बाद 6 दिसंबर, 2024 को इन्हें गिरफ्तार किया था. जांच से पता चला कि इन तीनों ने मणिपुर में जातीय हिंसा को बढ़ावा देने और उग्रवादी समूहों को हथियार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
आतंकवादी नेटवर्क में सक्रिय भागीदारी
NIA के बयान के मुताबिक, "लाइसेंसी हथियार और गोला-बारूद डीलर वनलालदैलोवा ने मिजोरम के दो अन्य सह-आरोपियों लालनगैहावमा और लालमुआनावमा के साथ मिलकर आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल के लिए सीमा पार और मणिपुर में अवैध रूप से हथियार खरीदने और आपूर्ति करने की साजिश रची थी.' जांच में सामने आया कि वनलालदैलोवा ने अपनी डीलरशिप का दुरुपयोग कर इस अवैध नेटवर्क को बढ़ावा दिया. लालमुआनपुइया और लालरिंचुंगा ने भी हथियारों और विस्फोटकों की खरीद व डिलीवरी में सक्रिय सहायता निभाई. बयान में यह भी कहा गया कि "लालरिंचुंगा अवैध रूप से हथियारों के निर्माण और मरम्मत में भी जुड़ा था.
राष्ट्रीय अखंडता को खतरा
अधिकारियों ने आरोप लगाया कि इन तीनों ने यह जानते हुए भी धन जुटाया कि इसका उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए हथियार खरीदने में होगा, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय अखंडता को गंभीर खतरा पैदा हुआ. यह नेटवर्क न केवल मिजोरम और मणिपुर तक सीमित था, बल्कि दिल्ली सहित भारत के अन्य हिस्सों में भी एक्टिव था. NIA ने दिसंबर 2023 में विश्वसनीय इनपुट के आधार पर यह मामला दर्ज किया था, जिसके बाद जुलाई 2024 में लालनगैहावमा और नवंबर 2024 में सोलोमोना के खिलाफ आरोपपत्र दायर किए गए थे.
NIA की सख्त कार्रवाई
एनआईए की जांच ने इस अवैध हथियार तस्करी नेटवर्क को उजागर किया, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने का प्रयास कर रहा था. एजेंसी ने अपनी कार्रवाई को और तेज करते हुए इस मामले में शामिल सभी आरोपियों को जवाबदेह ठहराने का सं