Himachal Rains: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में मंगलवार को भयंकर बारिश, बादल फटने औरअचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई. कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई है जबकि 16 लोग अब भी लापता हैं. राज्य भर में एक ही दिन में 11 बादल फटने, 4 फ्लैश फ्लड और एक बड़ा लैंडस्लाइड हुआ, जिसने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया.
मंडी में सोमवार शाम से अब तक 253.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है. बारिश और बाढ़ की वजह से 10 से ज्यादा मकान, 12 गौशालाएं, एक पुल और कई सड़कें तबाह हो गईं. इसके अलावा 26 मवेशियों की मौत हो चुकी है और 9 लोग अब भी फंसे हुए हैं, जिनके रेस्क्यू की कोशिशें जारी हैं.
मंडी जिले के गोहर में चार, करसोग में तीन, धर्मपुर में दो और थुनाग में एक जगह बादल फटने की खबर है. गोहर के बड़ा और तलवाड़ा इलाकों में दो मौतें, करसोग के पुराने बाजार में एक मौत और जोगिंदरनगर के नेरी-कोटला में एक शव बरामद किया गया है.
हालात को काबू में लाने के लिए NDRF और SDRF की दो-दो टीमें, स्थानीय पुलिस और होमगार्ड्स के साथ मिलकर लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. अब तक 287 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है जिनमें मंडी से 233, हमीरपुर से 51 और चंबा से 3 लोग शामिल हैं.
ब्यास नदी पर बने पंडोह डैम का जलस्तर खतरे के निशान (2941 फीट) के करीब पहुंचने पर 2922 फीट पर ही 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया. हमीरपुर के बल्लाह गांव में ब्यास नदी का पानी घुस गया, जहां से 30 मजदूरों समेत 51 लोगों को रेस्क्यू किया गया.
चंडीगढ़-मनाली फोरलेन हाइवे कई जगहों पर बंद हो गया है खासतौर पर नौ मील, द्वाडा, झलोगी और बनाला में. वैकल्पिक मार्ग कमांड-कटौला-बजौरा से सिर्फ हल्के वाहन (LMV) ही जा सकते हैं. जगह-जगह ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि 20 जून से शुरू हुए मानसून के बाद से अब तक राज्य को 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का लॉस हो चुका है.