Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में इस साल भारी बारिश, भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश को आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर दिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को विधानसभा में एक विशेष वक्तव्य में इसकी घोषणा की. उन्होंने बताया कि जब तक बारिश का दौर जारी रहेगा, तब तक यह घोषणा प्रभावी रहेगी. जैसे ही मौसम सामान्य होगा, इस आदेश को वापस ले लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बताया कि प्रारंभिक आकलन के अनुसार, भारी बारिश और प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य को अब तक 3,056 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस आपदा ने सड़कों, पुलों, पेयजल योजनाओं और बिजली संरचनाओं को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है. चंबा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, मंडी, शिमला, कांगड़ा और हमीरपुर जिले इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. इन जिलों में कई सड़कें और पुल बह गए हैं, जिससे यातायात और दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
आपदा प्रभावित घोषणा के मायने
हिमाचल प्रदेश को आपदा प्रभावित राज्य घोषित करने का निर्णय राहत और पुनर्वास कार्यों को तेज करने में मददगार साबित होगा. इस घोषणा के बाद केंद्र और राज्य सरकार के संसाधनों का उपयोग प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए किया जा सकेगा. साथ ही, आपदा राहत पैकेज के तहत प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास और बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए विशेष फंड उपलब्ध होगा.
राहत और बचाव कार्य जारी
राज्य सरकार ने प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है. स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में दिन-रात काम कर रही हैं. सड़कों और पुलों की मरम्मत, पेयजल और बिजली आपूर्ति को बहाल करने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है और हर संभव मदद सुनिश्चित की जाएगी.